अगले कुछ महीने देश में चुनावी रंग में रंगे रहने वाले हैं. कई राज्यों में चुनावी तारीखों की घोषणा कर दी गई है. इनमें सबसे ज्यादा नजरें पश्चिम बंगाल पर हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इस राज्य के लिए खास तैयारियां की हैं. यहां वो तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी से भिड़ रही है. राज्य के लिए बीजेपी ने अपनी चुनावी रणनीति तैयार कर ली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पार्टी के चुनावी कैंपेन में एक बार फिर बोलबाला रहेगा.
असम और बंगाल में पीएम की सबसे ज्यादा मांग
पार्टी यहां करीब डेढ़ महीने का चुनावी अभियान चलाएगी, जिस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी बंगाल में धुआंधार रैलियां करेंगे.पीएम यहां 7 मार्च को ब्रिगेड ग्राउंड में महारैली से चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे.
यहां बीजेपी की परिवर्तन यात्राओं का समापन किया जाएगा. करीब डेढ़ महीने के चुनाव अभियान में एक से डेढ़ दर्जन रैलियां होंगी. हर सप्ताह तीन से चार रैलियां करने का लक्ष्य रखा गया है. हर रैली में करीब एक दर्जन विधानसभा क्षेत्रों को कवर करने का लक्ष्य है.
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इस बार चुनावों में पीएम मोदी की मांग सबसे अधिक है लेकिन ज्यादा रैलियां कराने का समय नहीं है. पश्चिम बंगाल बीजेपी चाहती है कि वहां कम से कम 20-22 रैलियां हों, लेकिन इतनी रैलियों के लिए समय मिल पाना मुश्किल है. पीएम मोदी असम और बंगाल में साथ-साथ रैलियां करेंगे. बीजेपी इन्हीं दो राज्यों में पीएम की सबसे अधिक रैलियां कराना चाहती है. पीएम पिछले महीने हल्दिया और हुगली में रैलियां कर चुके हैं. इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में पीएम ने दो दर्जन रैलियां की थीं.
कल बीजेपी की चुनावी बैठक
बुधवार को दिल्ली में पश्चिम बंगाल बीजेपी की कोर समिति की बैठक होगी. इसमें अमित शाह और जे पी नड्डा भी हिस्सा लेंगे. बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक इसी सप्ताह होनी है. इस हफ्ते पार्टी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देगी.
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