अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा और पांच जनवरी तक चलेगा. मौजूदा नियमों के मुताबिक, तारीख तय होने के बाद संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने के लिए 15 दिन का समय लगता है.
संसद के शीत सत्र में देरी पर कांग्रेस और सरकार के बीच 'संग्राम'
गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र आहूत नहीं करने के लिए मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए तल्ख लहजे में प्रधानमंत्री को 'संसार के रचयिता ब्रह्मा' की संज्ञा दे डाली थी. लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था, "(प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ब्रह्मा हैं... वह रचयिता हैं... सिर्फ वही जानते हैं कि संसद कब शुरू होगी..."
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर गुजरात में अगले माह होने जा रहे विधानसभा चुनाव की खातिर लोकतंत्र के मंदिर को 'नष्ट' करने का आरोप भी लगाया था, और कहा था, "उनका (नरेंद्र मोदी का) पहला काम (प्रधानमंत्री बनने के बाद) संसद के फर्श को छूना था, लेकिन अब वह कोई सम्मान नहीं दिखाते..."
शीतकालीन सत्र: तीन तलाक खत्म करने के लिए बिल ला सकती है सरकार
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में 'संसद का सामना करने के लिए साहस का अभाव है', तथा सरकार 'सारहीन' आधारों पर संसद सत्र को खत्म कर रही है. उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार 'गलतफहमी का शिकार है, यदि वह सोचती है कि विधानसभा चुनाव से पहले लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वह संवैधानिक उत्तरदायित्व से भाग सकती है...'
गौरतलब है कि आमतौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू होकर चार सप्ताह बाद खत्म हो जाया करता है, लेकिन मिल रही ख़बरों के अनुसार इतिहास में पहली बार ऐसा भी हो सकता है कि सत्र आहूत ही नहीं किया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्र सरकार के शीर्ष मंत्री 9 तथा 14 दिसंबर को गुजरात में होने वाले चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं, तथा सत्तारूढ़ बीजेपी ने कथित रूप से संसद सत्र को सीधे जनवरी में आहूत करने की संभावना पर चर्चा की है.
कांग्रेस अध्यक्ष के तंज का जवाब देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को ही कहा था कि सत्र को आगे बढ़ाने में कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है. उन्होंने कहा, "यही परम्परा रही है, और जब कोई चुनाव हो रहे होते हैं, संसद के सत्रों को पहले भी कई बार पुनर्निर्धारित किया गया है..."
VIDEO: संसद के शीत सत्र पर कांग्रेस-बीजेपी में तकरार तेज
वैसे, तकनीकी रूप से देखा जाए, तो सरकार के पास संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए फरवरी तक का समय है, जब मॉनसून सत्र को समाप्त हुए छह माह हो जाएंगे. विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार अपने प्रचार अभियान के बीच में नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों पर संसद में उन पर हो सकने वाले संयुक्त हमले से बचना चाह रही है.
संसद के शीत सत्र में देरी पर कांग्रेस और सरकार के बीच 'संग्राम'
गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र आहूत नहीं करने के लिए मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए तल्ख लहजे में प्रधानमंत्री को 'संसार के रचयिता ब्रह्मा' की संज्ञा दे डाली थी. लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था, "(प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ब्रह्मा हैं... वह रचयिता हैं... सिर्फ वही जानते हैं कि संसद कब शुरू होगी..."
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर गुजरात में अगले माह होने जा रहे विधानसभा चुनाव की खातिर लोकतंत्र के मंदिर को 'नष्ट' करने का आरोप भी लगाया था, और कहा था, "उनका (नरेंद्र मोदी का) पहला काम (प्रधानमंत्री बनने के बाद) संसद के फर्श को छूना था, लेकिन अब वह कोई सम्मान नहीं दिखाते..."
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सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में 'संसद का सामना करने के लिए साहस का अभाव है', तथा सरकार 'सारहीन' आधारों पर संसद सत्र को खत्म कर रही है. उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार 'गलतफहमी का शिकार है, यदि वह सोचती है कि विधानसभा चुनाव से पहले लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वह संवैधानिक उत्तरदायित्व से भाग सकती है...'
गौरतलब है कि आमतौर पर संसद का शीतकालीन सत्र नवंबर में शुरू होकर चार सप्ताह बाद खत्म हो जाया करता है, लेकिन मिल रही ख़बरों के अनुसार इतिहास में पहली बार ऐसा भी हो सकता है कि सत्र आहूत ही नहीं किया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्र सरकार के शीर्ष मंत्री 9 तथा 14 दिसंबर को गुजरात में होने वाले चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं, तथा सत्तारूढ़ बीजेपी ने कथित रूप से संसद सत्र को सीधे जनवरी में आहूत करने की संभावना पर चर्चा की है.
कांग्रेस अध्यक्ष के तंज का जवाब देते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को ही कहा था कि सत्र को आगे बढ़ाने में कुछ भी अस्वाभाविक नहीं है. उन्होंने कहा, "यही परम्परा रही है, और जब कोई चुनाव हो रहे होते हैं, संसद के सत्रों को पहले भी कई बार पुनर्निर्धारित किया गया है..."
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वैसे, तकनीकी रूप से देखा जाए, तो सरकार के पास संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के लिए फरवरी तक का समय है, जब मॉनसून सत्र को समाप्त हुए छह माह हो जाएंगे. विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार अपने प्रचार अभियान के बीच में नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दों पर संसद में उन पर हो सकने वाले संयुक्त हमले से बचना चाह रही है.
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