बुल्ली बाई ऐप मामला : 'मास्टरमाइंड' की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस बोली- 'केस सुलझ गया'

दिल्ली पुलिस ने मामले में विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि बुल्ली बाई ऐप पिछले साल नवंबर में बनाया गया था और इसे दिसंबर में अपडेट किया गया.

बुल्ली बाई ऐप मामला : 'मास्टरमाइंड' की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस बोली- 'केस सुलझ गया'

बुली बाई ऐप पिछले साल नवंबर में बनाया गया था (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने ‘‘बुल्ली बाई'' ऐप मामले में बृहस्पतिवार को असम के जोरहाट से इंजीनियरिंग के एक छात्र को गिरफ्तार किया, जिसे मामले में ''मुख्य साजिशकर्ता'' माना जा रहा है. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि आरोपी छात्र को दिल्ली लाया गया और उसने कथित तौर पर अपनी भूमिका स्वीकार की है.  पुलिस ने एक बयान में कहा कि जोरहाट से नीरज बिश्नोई (21) की गिरफ्तारी के साथ ही उसने इस मामले को सुलझा लिया है.  दिल्ली की एक अदालत ने बिश्नोई को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. ‘‘बुल्ली बाई'' ऐप मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है. इस ऐप पर नीलामी के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं का नाम डाला गया था.  पुलिस ने बताया कि बिश्नोई जोरहाट का रहने वाला है और भोपाल में पढ़ाई करता है. बिश्नोई ने ही कथित तौर पर गिटहब प्लेटफॉर्म पर ‘‘बुल्ली बाई'' ऐप का निर्माण किया था और वह ट्विटर पर ‘‘बुल्ली बाई'' का मुख्य अकाउंट होल्डर भी है. आरोपी को दिल्ली पुलिस की 'इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस' (आईएफएसओ) इकाई ने गिरफ्तार किया है.

बिश्नोई ने अपनी गिरफ्तारी से एक दिन पहले ट्वीट कर कहा था, '' आपने एक गलत व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, 'स्लमबाई' पुलिस. इसमें सिर्फ एक ही लड़का शामिल था और वह मैं हूं. आपने सिख तस्वीर वाले खाते के फॉलोवर को गिरफ्तार किया, जिसका ऐप से कोई लेना-देना नहीं है और इसने कुछ भी गलत ट्वीट नहीं किया. क्या आपमें जरा भी शर्म बची है, स्लमबाई पुलिस.'' मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बिश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम भी रवाना हुई थी, हालांकि, दिल्ली पुलिस ने एक घंटे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि साइबर सेल बाद में बिश्नोई की हिरासत मांगेगी.

दिल्ली पुलिस ने मामले में विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि बुल्ली बाई ऐप पिछले साल नवंबर में बनाया गया था और इसे दिसंबर में अपडेट किया गया. उन्होंने बताया कि बिश्नोई सोशल मीडिया पर भी बारीकी से नजर बनाए हुए था. पुलिस ने कहा कि ऐप बनाने के पीछे का मकसद पता लगाया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि बिश्नोई ने पूछताछ में बताया है कि उसने गिटहब पर बुली बाई ऐप के साथ ही इस नाम से और अन्य नामों से ट्विटर हैंडल बनाए. पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) के.पी.एस. मल्होत्रा ने कहा, ‘‘वह (गिरफ्तार छात्र) मुख्य साजिशकर्ता है और इसने ही गिटहब पर ऐप को बनाया था. उसने ऐप बनाने की बात स्वीकार की है. आरोपी के लैपटॉप से ऐप बनाने संबंधी फोरेंसिक साक्ष्य मिले हैं. उसे दिल्ली लाया गया है और पुलिस हिरासत के अनुरोध तथा आगे की जांच के लिए अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.''

उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी को तकनीकी विश्लेषण और आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड्स) तथा गेटवे का उपयोग कर, बृहस्पतिवार की सुबह जोरहाट से गिरफ्तार किया गया.'' डीसीपी ने बताया कि बिश्नोई मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.टेक द्वितीय वर्ष का छात्र है. वहीं, असम पुलिस के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, “इस मामले में दिल्ली पुलिस हमारे साथ सहयोग कर रही है. उनकी टीम यहां बुधवार सुबह पहुंची और शाम तक हमने आरोपी का पता लगा लिया था. अभियान 12 घंटे में ही समाप्त हो गया.” अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच में शामिल मुंबई पुलिस ने आरोपी के सम्बन्ध में असम पुलिस से संपर्क नहीं किया है.

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मामले की जांच कर रहे मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने अब तक तीन गिरफ्तारियां की हैं. मुंबई पुलिस ने मामले में उत्तराखंड से 19 वर्षीय युवती श्वेता सिंह, 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से और उत्तराखंड से ही 21 वर्षीय अन्य युवक मयंक रावल को गिरफ्तार किया है. मुंबई पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, श्वेता सिंह ऐप मामले में कथित तौर पर मुख्य आरोपी है जिसने ऐप का ट्विटर खाता बनाया था. मुंबई पुलिस के सूत्रों ने बताया कि ट्विटर हैंडल का उपयोग करने वाला बिश्नोई स्थानीय मीडिया को साक्षात्कार दे रहा था, जिसके बाद उसकी जानकारी सामने आयी. सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक दंतचिकित्सक कुणाल पटेल से भी पूछताछ की, जिनका नाम जांच के दौरान सामने आया था.

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मुंबई के पुलिस आयुक्त हेमंगत नगराले ने बुधवार को कहा था इस मामले में और लोगों के लिप्त होने की आशंका है. ‘‘बुल्ली बाई'' मोबाइल ऐप्लिकेशन पर ‘‘नीलामी'' के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं का नाम डाला गया था और बिना अनुमति के उनकी तस्वीरें लगाई गई थीं. तस्वीरों से छेड़छाड़ भी की गई थी. यह ऐप ‘‘सुल्ली डील'' का ही रूप प्रतीत होता है, जिससे पिछले साल इसी तरह का विवाद पैदा हुआ था. दिल्ली पुलिस ने शनिवार को एक महिला पत्रकार की कथित रूप से छेड़छाड़ की गई तस्वीर को वेबसाइट पर अपलोड करने के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. पत्रकार ने शिकायत दर्ज कराई थी और इसकी एक प्रति ट्विटर पर साझा की थी.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)