जम्मू के नगरोटा में पिछले दिनों मुठभेड़ में मारे गये जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों की घुसपैठ की जांच कर रहा बीएसएफ का एक दल भारत में घुसने के लिए दहशतगर्दों द्वारा इस्तेमाल भूमिगत सुरंग के छोर का पता लगाते हुए पाकिस्तान के क्षेत्र में 200 मीटर तक पहुंच गया था. बल के शीर्ष अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. गत 19 नवंबर को जैश के चार आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने के फौरन बाद बीएसएफ ने दहशतगर्दों द्वारा इस्तेमाल किये गये संभावित रास्ते का पता लगाने के लिहाज से एक दल का गठन किया.
अधिकारियों ने बताया कि टीम ने भारतीय सीमा में सुरंग के छोर का पता लगाने के लिए अपनी संरचना का अनुसरण किया और आतंकवादियों से जब्त किये गये एक मोबाइल उपकरण के इलेक्ट्रॉनिक और भौगोलिक डेटा का भी तलाशी के दौरान इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा कि सुरंग के छोर पर पहुंचने पर बीएसएफ के दल को पता चला कि वे पाकिस्तानी क्षेत्र के 200 मीटर अंदर तक आ गये हैं. उन्होंने सुरंग में प्रवेश किया और साक्ष्यों को एकत्रित करने के तहत पाकिस्तान की तरफ के हिस्से में अंदर की तस्वीरें लीं और फिर भारतीय क्षेत्र की ओर लौट आए.
अधिकारियों ने कहा कि अभियान त्वरित और खुफिया सूचनाओं पर आधारित था. पाकिस्तान से आये चार जैश आतंकवादियों को उस समय मुठभेड़ में मार गिराया गया था जब वे एक ट्रक में छिपकर कश्मीर में घुसने की फिराक में थे. बीएसएफ ने एक आधिकारिक बयान में बताया था कि बल और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पाकिस्तान की ओर के क्षेत्र से आने वाली एक भूमिगत सुरंग का पता लगाया जो जम्मू के सांबा जिले में रीगल सीमा चौकी के क्षेत्र में भारत की तरफ निकल रही है. मुठभेड़ स्थल से मिले सुरागों के आधार पर बीएसएफ ने कहा था कि उसे पता चला है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर सांबा के जतवाल गांव से एक ट्रक चालक ने इन आतंकवादियों को बैठाया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं