BSF का कार्य अधिकार क्षेत्र (BSF jurisdiction ) अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर अंदर तक बढ़ाने के केंद्र के फैसले को पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Cour) में ऑरिजनल सूट दाखिल कर केंद्र सरकार के इस निर्णय को चुनौती दी गई है. याचिका पर केंद्र सरकार अपना पक्ष भी रखेगी. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार ने केंद्र सरकार को अटॉर्नी जनरल के जरिये नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. अब चार हफ्ते बाद ही ये मामला सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा.
सुप्रीम कोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत दाखिल इस मूल वाद में केंद्र सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गई है. बीएसएफ के कार्य और अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने की ये अधिसूचना 11 अक्तूबर को जारी की गई थी. पंजाब सरकार ने केंद्र के इस कदम को संघीय ढांचे पर प्रहार करने और राज्यों के संवैधानिक अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करने वाला बताया है.
I congratulate Punjab and it's legal team to be the 1st to approach the Hon'ble Supreme Court by filing an original suit challenging the notification extending the BSF jurisdiction.
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) December 11, 2021
केंद्र के इस फैसले का असर पाकिस्तान से लगने वाले इलाके वाले जिलों के 80 फीसदी भूभाग पर पड़ेगा. जबकि सन्विधान ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने और पुलिस का अधिकार राज्य सूची में रखा यानी ये अधिकार राज्य सरकार को दिया हुआ है. लेकिन यहां इस अधिसूचना के जरिए राज्यों के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण बताया है. पंजाब ने कहा है कि इसके लिए केंद्र ने राज्य से सलाह तक नहीं ली.
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू ने कहा है कि वो राज्य सरकार को बधाई देते हैं, जो सबसे पहले इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट लेकर गई है. पंजाब सरकार ने ओरिजनल सूट दाखिल कर केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन को अदालत में चुनौती दी है.
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