महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद बांटने से इनकार करने पर सबसे बड़ा दल होने के बावजूद विपक्ष में बैठने को मजबूर बीजेपी को विधान परिषद में भी बड़ा झटका लगेगा. विधान परिषद की 26 सीटों पर मौजूदा एमएलसी का कार्यकाल साल 2020 में खत्म हो रहा है. बीजेपी को इन सीटों पर नुकसान हो सकता है. महाराष्ट्र में सत्ता के नए समीकरण से बीजेपी सिर्फ सरकार से ही बाहर नहीं हो रही है उसे विधान परिषद में भी बड़ा झटका लगने वाला है. इसके पीछे कारण यह है कि साल 2020 में रिक्त हो रहीं 26 में से अधिकांश सीटें अब शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के हिस्से में जाएंगी.
अगर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की सरकार आ गई तो गवर्नर नॉमिनी और विधानसभा से चुनकर आने वाली सीटें कम हो जाएंगी. स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में भी बीजेपी को काफी सीटों का नुकसान होगा.
साल 2020 में राज्यपाल मनोनीत 12 सीटें, विधायकों द्वारा चुनी जाने वाली 9 सीटें और स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं से चुनी जाने वालीं 5 सीटें रिक्त हो रही हैं. वर्तमान में बीजेपी के पास 22 विधान परिषद सीटें हैं. अगर शिवेसना-बीजेपी साथ में मिलकर सरकार बनातीं तो बीजेपी को 26 में से कम से कम 13 सीटें मिलतीं.
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सत्ता के बदलते इस नए समीकरण से बीजेपी के चुने हुए विधायकों को मंत्री पद हाथ से धोने का मलाल तो है ही लेकिन उससे भी बड़ा झटका राज्यपाल मनोनीत 12 सीटों पर आंख गड़ाए उन नेताओं को है जिनसे विधान परिषद सदस्य बनाने का वादा किया गया था. उनका तो राजनीतिक करियर ही दांव पर लग गया है.
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