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This Article is From Feb 07, 2022

BJP ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग का आँकड़ों के साथ कैसे किया विरोध? जानें

संजय जायसवाल ने लिखा है, "महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं. बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है पर उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता हैं."

BJP ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग का आँकड़ों के साथ कैसे किया विरोध? जानें
बिहार भाजपा के अध्यक्ष और सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल. (फाइल फोटो)
पटना:

बिहार (Bihar) में शायद देश की ऐसी पहली गठबंधन सरकार है, जहां सत्ता में वर्षों से सहयोगी रही राजनीतिक पार्टियां हर मुद्दे पर एक-दूसरे के समर्थन के बजाय विरोध का रास्ता अख़्तियार करती हैं. पिछले हफ़्ते लोक सभा और राज्य सभा में जब जेडीयू सांसदों ने फिर से राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग की तो भाजपा नेताओं ने न केवल ऐसी मांग को अप्रासंगिक बताया बल्कि आंकड़ें पेश कर यह भी बताया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य को कैसे विशेष सहायता मिल रही है?

बिहार भाजपा के अध्यक्ष और सांसद डॉक्टर संजय जायसवाल ने इस मुद्दे पर एक लंबा पोस्ट सोशल मीडिया पर लिखा है और पांच प्वाइंट में बताया है कि 2020 में एनडीए सरकार का गठन आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय के आधार पर हुआ था. इसलिए हमें इस मूल मुद्दे से भटकना नहीं चाहिए.

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संजय जायसवाल ने लिखा है, "महाराष्ट्र की आबादी बिहार से एक करोड़ ज्यादा है, फिर भी बिहार को महाराष्ट्र के मुकाबले 31 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलते हैं. बंगाल भी बिहार की भांति पिछड़ा राज्य है पर उसके मुकाबले भी बिहार को 21 हजार करोड़ रुपए ज्यादा मिलता हैं."

बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने आगे लिखा है, "दक्षिण भारत के राज्यों की हमेशा शिकायत रहती है कि केंद्र सरकार हमें कम पैसे देती है क्योंकि हमने आबादी को 70 के दशक में ही केंद्र की नीतियों के कारण रोक लिया था. अब केंद्र सरकार इसको अपराध मानती है." 

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उन्होंने लिखा है, "जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा बिहार जैसे राज्य को हुआ है. पहले जिस राज्य में उद्योग स्थापित होते थे उनको अलग से कमाई होती थी. अब इस कमाई का बडा़ हिस्सा उपभोक्ता राज्य में बंटता है, जिसके कारण  बिहार को 20 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त फायदा हुआ है. बिहार को अगर आगे बढ़ाना है, तो सरकार को ये लक्ष्य रखने ही होंगे."

जायसवाल ने अपने पोस्ट में नीतीश सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि 6 वर्षों में भी प्रधानमंत्री जी के दिए हुए पैकेज का पूरा इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं. उन्होंने लिखा, "अभी भी 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है. एक छोटा उदाहरण मेरे लोकसभा का रक्सौल हवाई अड्डा है जिसके लिए प्रधानमंत्री पैकेज में 250 करोड़ रुपए मिल चुके हैं पर बिहार सरकार द्वारा अतिरिक्त जमीन नहीं देने के कारण आज भी यह योजना रुकी हुई है. धानमंत्री गति शक्ति योजना में भी बिहार को हजारों करोड़ रुपए मिलने हैं. अगर हमने भूमि उपलब्ध नहीं कराया तो ये किस्से कहानियों की बातें हो जाएंगी." 

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यहां पढ़ें बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल का पूरा पोस्ट:

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