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This Article is From Mar 28, 2018

SC/ST एक्‍ट: बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले BSP से जुड़ने को तैयार, दलित MP करेंगे पीएम से मुलाकात

उत्तर प्रदेश में बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने अब पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है.

SC/ST एक्‍ट: बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले BSP से जुड़ने को तैयार, दलित MP करेंगे पीएम से मुलाकात
पीएम मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्री बाई फुले ने अब पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि पार्टी में दलितों पिछड़ों के साथ इंसाफ नहीं हो रहा इसलिए वह एक अप्रैल को लखनऊ में रैली करेंगी. वह इस मुहिम में मायावती से भी जुड़ने को तैयार हैं. उधर, यूपी सरकार में सहयोगी दल के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी फिर सरकार के कामकाज़ से नाराज़गी जताई है. 

एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर विपक्ष के साथ-साथ सरकार में भी खलबली है. सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका दाख़िल करने की अर्ज़ी को लेकर एनडीए के सभी दलित सांसद पीएम नरेंद्र मोदी से संसद में मुलाकात करेंगे. कांग्रेस भी सरकार से इस फ़ैसले पर पुनर्विचार याचिका देने की मांग कर रही है. वहीं राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग आज राष्‍ट्रपति से मिलेगा और उसने पीएम मोदी से भी मिलने के लिए समय मांगा है. 

वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति( अत्याचार निवारण) अधिनियमके संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर केन्द्र सरकार से तत्काल पुनरीक्षण याचिका दायर करने की मांग की है.

माकपा पोलित ब्यूरो की ओर से जारी बयान में सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में फैसले को एससी एसटी एक्ट को कमजोर करने वाला बताते हुये सरकार से इसके खिलाफ यथाशीघ्र पुनरीक्षण याचिका दायर करने का अनुरोध किया है. साथ ही पोलित ब्यूरो ने मामले की सुनवायी के दौरान इस कानून के प्रावधानों को कमजोर करने पर सरकारी वकील द्वारा कोई आपत्ति दर्ज नहीं करने की भी आलोचना की.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में एससी एसटी एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों की तत्काल गिरफ्तारी के प्रावधान का दुरुपयोग होने का हवाला देते हुये गिरफ्तारी से पहले पुख्ता जांच करने की बात कही थी.

SC/ ST एक्ट के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया 
- आरोपों पर तुरंत गिरफ़्तारी नहीं
- पहले आरोपों की जांच ज़रूरी
- केस दर्ज करने से पहले जांच 
- DSP स्तर का अधिकारी जांच करेगा
- गिरफ़्तारी से पहले ज़मानत संभव
- अग्रिम ज़मानत भी मिल सकेगी
- सरकारी अफ़सरों को बड़ी राहत
- सीनियर अफ़सर की इजाज़त के बाद ही गिरफ़्तारी



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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