जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की पहली बरसी है
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के एक साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर बीजेपी कार्यकर्ता रोमौसा रफीक ने अनंतनाग के लाल चौक पर तिरंगा फहराकर सलामी दी है. आपको बता दें कि बीते साल इसी आज के ही दिन गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया था. इस पर संसद में काफी विवाद और बहस हुई थी. लेकिन सरकार ने इसे हटाकर जनसंघ-बीजेपी के अपने एजेंडे को पूरा किया था. इसके साथ ही सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटकर को दो केंद्रशासित राज्यों में बदल दिया था. इसमें एक राज्य जम्मू-कश्मीर और दूसरा हिस्सा लद्दाख था.
सरकार ने इस ऐलान के साथ ही राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया. इसमें कई अलगाववादी नेता भी शामिल हैं. कई नेताओं को छोड़ा गया है दूसरी ओर कई नेता अब भी नजरबंद हैं.
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने की पहली वर्षगांठ से पहले हिंसा और प्रदर्शनों के संबंध में ‘‘पुख्ता सूचना'' के आधार पर प्रशासन ने सोमवार को शहर में कर्फ्यू लगा दिया. पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था. श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी ने एक आदेश में कहा कि कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से लागू होगा और चार तथा पांच अगस्त तक प्रभावी रहेगा.
जिलाधिकारी ने कहा कि श्रीनगर के पुलिस अधीक्षक ने सूचना दी है कि पुख्ता जानकारी मिली है कि अलगाववादी और पाकिस्तान प्रायोजित समूह पांच अगस्त को ‘काला दिवस' के रूप में मनाने, हिंसा और प्रदर्शन करने की योजना बना रहे है. चौधरी ने कहा कि कोई भी बड़ा जमावड़ा कोविड-19 उन्मूलन की दिशा में किए गए कार्यों के लिए भी घातक सिद्ध होगा.