सीबीआई ने एंगलो-इटैलियन कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों (वीवीआईपी) के लिए हेलीकॉप्टर के 3,600 करोड़ रुपये के सौदे में रिश्वत के आरोप की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एमके नारायणन से बतौर 'गवाह' आज पूछताछ की।
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सौदे के मामले में 80 वर्षीय नारायणन को अपना बयान दर्ज कराने के लिए सीबीआई के अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया था। नारायणन उस समूह में शामिल थे, जिसने हेलीकाप्टर खरीदने से पहले निविदा प्रक्रियाओं को देखा था। पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनने से पहले नारायणन सुरक्षा सलाहकर थे।
सूत्रों के अनुसार नारायणन ने गोवा के राज्यपाल बीवी वांचू के साथ 2005 में हुई उस बैठक में शरीक हुए थे, जिसमें हेलीकॉप्टर की तकनीकी विशेषताओं में प्रमुख बदलाव की अनुमति दी गई। इसी कारण गवाह के रूप में नारायणन का बयान रिकॉर्ड करने की जरूरत महसूस की गई।
सीबीआई वांचू का भी बयान रिकॉर्ड कर सकती है। उन्हें एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है। वह राज्यपाल बनने से पहले स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के प्रमुख थे।
सीबीआई ने सौदे में 360 करोड़ रुपये के रिश्वत मामले की जांच के संदर्भ में उनके बयान रिकॉर्ड करने की अनुमति मांगी थी। पिछले साल दिसंबर में यूपीए सरकार ने सौदे को रद्द कर दिया था।
सीबीआई ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के साथ 13 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसमें त्यागी के रिश्तेदार और यूरोपीय बिचौलिया भी शामिल हैं।
पूर्व वायुसेना प्रमुख के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने खरीदे जाने वाले हेलीकॉप्टर के लिए उड़ान-उंचाई की सीमा कम कर दी थी, ताकि अगस्ता वेस्टलैंड भी बोली में शामिल हो सके। त्यागी ने आरोपों से इनकार किया है। हालांकि वह निर्णय एसपीजी तथा नारायणन समेत तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय से विचार-विमर्श के बाद किया गया था।
एजेंसी मामले में कई नौकरशाहों से पूछताछ कर चुकी है। इसमें पूर्व मंत्रिमंडल सचिव बीके चतुर्वेदी तथा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शशिकांत शर्मा शामिल हैं। शर्मा तत्कालीन रक्षा सचिव थे।
सीबीआई का दावा है कि हेलीकॉप्टर की उड़ान की ऊंचाई के साथ उड़ान मूल्यांकन में इस रूप से बदलाव किया गया जिससे अगस्ता वेस्टलैंड सौदा हासिल कर सके।
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