दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में ई-रिक्शा के परिचालन पर रोक जारी रखी। अदालत ने कहा कि जब तक ई-रिक्शा को मोटर वाहन अधिनियम के तहत लाने के लिए नियम में संशोधन नहीं हो जाता, इसके परिचालन पर रोक जारी रहेगा।
न्यायमूर्ति बीडी अहमद और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने 31 जुलाई को लगी रोक को तब तक जारी रखने की पुष्टि की, जब तक इसे नियम और कानून के दायरे में नहीं लाया जाता।
गौरतलब है कि पीठ ने यह कहते हुए दिल्ली एनसीआर की सड़कों पर ई-रिक्शा पर रोक लगा दी थी कि इसका परिचालन अवैध तौर पर हो रहा है और यह यातायात और नागरिकों के लिए खतरनाक हैं।
इसके बाद ई-रिक्शा ओनर एसोसिएशन ने फैसले की पुनसर्मीक्षा के लिए एक याचिका दाखिल कर कहा था कि रोक से हजारों लोगों की जीविका प्रभावित होगी। हालांकि अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
ई-रिक्शा पर रोक के लिए याचिका दाखिल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता शाहनवाज की तरफ से वकील सुविज्ञ दूबे ने अदालत में कहा कि ई-रिक्शा से दो बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें दो लोगों की मौत हुई है।
उन्होंने कहा कि लापरवाही से गाड़ी चलाने के मामले में ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ 137 मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
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