BJP छोड़ने पर बोले बाबुल सुप्रियो: "यहां तक ​​कि मेस्सी भी बार्सिलोना नहीं छोड़ना चाहते थे"

दिलीप घोष पर पूछे जाने पर सुप्रियो ने कहा, "अब जब मैं तृणमूल के साथ हूं, मैं इसे बीजेपी का आंतरिक मामला मानता हूं.''

BJP छोड़ने पर बोले बाबुल सुप्रियो:

बाबुल सुप्रियो ने बताया भाजपा छोड़ने का कारण. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

भाजपा (BJP) से तृणमूल कांग्रेस (TMC) में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने आज दोहराया कि वह एक ऐसी टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं जो उन्हें गर्मजोशी से गले लगाए और उन्हें प्लेइंग 11 का हिस्सा बनाए. सुप्रियो के इस कदम ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल के राजनीतिक हलकों में चर्चा पैदा कर दी है. उनके इस कदम के कुछ दिनों बाद ही पश्चिम बंगाल में भाजपा प्रमुख के पद से दिलीप घोष (Dilip Ghosh) को हटाकर यह जिम्मेदारी सुकांत मजूमदार को सौंपी गई है.

दिलीप घोष पर पूछे जाने पर सुप्रियो ने कहा, "अब जब मैं तृणमूल के साथ हूं, मैं इसे बीजेपी का आंतरिक मामला मानता हूं. एक राजनीतिक विश्लेषक या एक आम आदमी के रूप में बोलते हुए, मैं कह सकता हूं कि दिलीप घोष ने बंगाल के लिए अच्छा काम किया है. लेकिन उनकी भाषा, उनकी टिप्पणी ... बंगाल के लोगों द्वारा अच्छी तरह से नहीं ली गई."

आसनसोल के सांसद ने एनडीटीवी के साथ एक विशेष साक्षात्कार के दौरान कहा, "मैंने इतिहास नहीं रचा है...मैं पहला नहीं हूं जिसने किसी पार्टी को छोड़ दिया और दूसरी पार्टी में शामिल हो गया."

पश्चिम बंगाल भाजपा के नए अध्यक्ष की कथित टिप्पणी का हवाला देते हुए कि राज्य "तालिबानीकरण" का सामना कर रहा था, सुप्रियो ने कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल हल्के में नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने इसका विरोध भी किया था, जब विपक्ष और गीतकार जावेद अख्तर जैसे आलोचकों ने भाजपा के बारे में ऐसी ही बातें कही थीं.

उन्होंने कहा, "तालिबान एक बहुत ही गलत और घटिया मानसिकता का नाम है. इस शब्द का इस्तेमाल लापरवाही से नहीं किया जाना चाहिए."

तृणमूल कांग्रेस के सदस्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने सात साल तक उनके साथ काम किया और भाजपा से बहुत कुछ सीखा.

सुप्रियो ने कहा, "जब भी मैं किसी भी टीम के लिए खेलता हूं, तो मैं अपना पसीना और खून खेल के मैदान में ही देना चाहता हूं. जनता से वेतन और सुविधाएं लेना और फिर कुर्सी गर्म करना मेरे डीएनए में नहीं है." उन्होंने इस आरोप को खारिज किया कि वह सत्ता में बने रहने के लिए तृणमूल में शामिल हुए थे.

उन्होंने कहा, "अगर ऐसा है तो तृणमूल में मुझे क्या ताकत मिली है? मैंने पहले ही माननीय (लोकसभा) अध्यक्ष से मिलने का समय मांगा है. मैं इस नैतिक आधार पर रहना चाहता हूं. मैं आसनसोल के सांसद के पद से तुरंत इस्तीफा दे रहा हूं." .

उन्होंने कहा, "मैंने सीआरपीएफ और वे सभी सुविधाएं छोड़ दी हैं जो मुझे एक मंत्री या एक केंद्रीय नेता के रूप में मिल रही थीं... उन्होंने शशि थरूर के हवाले से कहा, 'एक राज्य मंत्री (राज्य मंत्री) एक कब्रिस्तान में खड़े व्यक्ति की तरह होता है. उसके नीचे हजारों लोग हैं, लेकिन कोई नहीं सुन रहा है'."

फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा: "क्या वह बार्सिलोना छोड़ना चाहते थे? स्थिति ऐसी थी कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रोए.''

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