अयोध्या में बुधवार को हो रहे भूमि पूजन के अवसर पर लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के प्रमुख असदुद्दीन औवेसी ने बाबरी मस्जिद को याद किया है. 1528 में अयोध्या में मुगल सम्राट बाबर ने मस्जिद की नींव रखी थी, जिसे 1992 में 6 दिसंबर के दिन राम मंदिर आंदोलन के तहत कारसेवकों ने मस्जिद पर चढ़कर इसकी गुंबद गिरा दी थी. ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'बाबरी मस्जिद थी, है और रहेगी.'
#BabriMasjid thi, hai aur rahegi inshallah #BabriZindaHai pic.twitter.com/RIhWyUjcYT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) August 5, 2020
ओवैसी ने पिछले कुछ दिनों में भूमि पूजन की खबरों पर लगातार अपना विरोध जताया है. पिछले हफ्ते उन्होंने बाबरी विध्वंस के लिए कांग्रेस को भी जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि 'जिसका हक़ बनता है, उसे क्रेडिट दिया जाना चाहिए. आखिर वो राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने बाबरी मस्जिद का ताला खोला था और वो पीवी नरसिम्हा राव ही थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए ये पूरा विध्वंस देखा था. कांग्रेस संघ परिवार के साथ विध्वंस के इस अभियान में हाथ में हाथ डाले खड़ी रही.'
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ओवैसी ने भूमि पूजन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिस्सा लेने पर भी सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री का इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना संवैधानिक नहीं है. ओवैसी ने 29 जुलाई को ट्वीट करते हुए लिखा है, 'आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में हिस्सा लेना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल भावना है.' साथ ही ओवैसी ने यह भी लिखा कि 'हम भूल नहीं सकते कि 400 साल तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी रही थी और उसे 1992 में अपराधी भीड़ ने ढहा दिया था...'
Video: ओवैसी ने NDTV को बताया पीएम मोदी के भूमि पूजन में जाने से क्यों है ऐतराज
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