जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Justice Sharad Arvind Bobde) भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे. 18 नवंबर को वह मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे. जस्टिस बोबडे कई अहम खंडपीठों के सदस्य रहे हैं. अयोध्या पर जो फ़ैसला आना है, उसके खंडपीठ में भी वह शामिल हैं. जिस खंडपीठ ने निजता को मौलिक अधिकार माना था, उसके भी वो सदस्य रहे. बीसीसीआई में सुधारों का सेहरा भी उनकी अगुवाई वाली बेंच को जाता है. साथ ही यौन उत्पीड़न के आरोप में चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई को जिस पीठ ने क्लीनचिट दी, उसमें भी जस्टिस बोबडे रहे. वो ऐसे दौर में मुख्य न्यायाधीश बन रहे हैं जब न्यायपालिका पर सवाल भी बढ़ रहे हैं और उससे अपेक्षाएं भी. पिछले दिनों न्यायिक जवाबदेही बिल के मसले पर सरकार और न्यायपालिका लगभग आमने-सामने रहे हैं. इन सब सवालों के बीच NDTV ने देश के अगले मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे होंगे सुप्रीम कोर्ट के 47वें प्रधान न्यायाधीश, 18 नवंबर को लेंगे शपथ
जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Justice SA Bobde) ने NDTV से कई मुद्दों पर बातचीत की. जस्टिस बोबडे के कहा कि अयोध्या का फैसला मेरे लिए और सबके लिए महत्वपूर्ण है. अयोध्या के फ़ैसले का मुझे और सबको इंतज़ार है. इसके अलावा उन्होंने सरकार से अपने संबंध पर भी बात की. उन्होंने कहा कि सरकार से मेरे संबंध ठीक हैं. सरकार और न्यायपालिका को एक साथ मिलकर और एक दूसरे साथ सहयोग और सम्मान से काम करना चाहिए.
बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मामलों की लंबितता से निपटने के लिए तकनीकी, स्टाफ बढ़ाने और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का सहारा लेंगे. जस्टिस बोबडे ने कॉलेजियम को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि कॉलेजियम सही तरीके से काम कर रहा है. केंद्र के साथ कोई कोई मतभेद नहीं हैं. सीजेआई रंजन गोगोई के साथ संबंधों पर जस्टिस बोबडे ने कहा कि वो हमेशा हमें साथ लेकर चले हैं.
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