Ayodhya Case: रिव्यू पिटीशन खारिज होने पर हिंदू महासभा ही नहीं, कुछ मुस्लिम पक्षकार भी खुश

Ayodhya Case: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव और वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि वे क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के बारे में राय लेंगे

Ayodhya Case: रिव्यू पिटीशन खारिज होने पर हिंदू महासभा ही नहीं, कुछ मुस्लिम पक्षकार भी खुश

Ayodhya News: अयोध्या मामले में दखिल सभी पुनर्विचार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी हैं.

खास बातें

  • पांच जजों की बेंच ने याचिकाओं को सुनवाई के लायक नहीं माना
  • जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने अफसोस जताया
  • सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमेन जफर फारुकी और इकबाल अंसारी ने खुशी जताई
लखनऊ:

Ayodhya Review Petition: सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में दाखिल की गईं सभी 19 रिव्यू पिटीशन (Review Petition) खारिज कर दीं. कोर्ट ने कहा कि याचिका में उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों पर गौर किया गया लेकिन उन्हें सुनने का कोई आधार नहीं बनता. मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ने वाले जफरयाब जिलानी ने कहा है कि वे सीनियर वकील से बात करने के बाद तय करेंगे कि उन्हें क्यूरेटिव पिटीशन दखिल करना है या नहीं.

सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने आज रिव्यू पिटीशन पर चेंबर में सुनवाई की. पांचों ने एक राय से याचिका को सुनवाई के लायक नहीं माना और उसे खारिज कर दिया. मस्जिद पक्ष के वकील औक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने कहा कि क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने के बारे में वे राय लेंगे. मस्जिद की पक्षकार जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने अदालत के फैसले पर अफसोस जताया.

रिव्यू पिटीशन हिंदू महासभा ने भी दाखिल की थी जिसकी मांग थी कि जब अदालत ने इस दीवानी मुकदमे में जमीन का मालिक रामलला को मान लिया तो फिर मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन न दी जाए. हालांकि वह पिटीशन खारिज होने पर भी खुश है. हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि 'हमारी रिव्यू पिटीशन खारिज हो गई है…लेकिन हम ऐसे पिटीशनर हैं जो खुश हैं.' निर्मोही अखाड़ा रिव्यू पिटीशन के ज़रिए चाहता था कि मंदिर वाले ट्रस्ट में उसे अहम मुकाम मिले, लेकिन पिटीशन खारिज हो गई.

अयोध्या पर फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज

मुसलमानों का बड़ा तबका रिव्यू पिटीशन के खिलाफ था. पिटीशन दाखिल न करने वाले सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमेन जफर फारुकी कहते हैं कि अदालत के आदेश से साफ हो गया कि रिव्यू में न जाने का उनका फैसला सही था. मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी रिव्यू पिटीशन नहीं दाखिल की थी. कोर्ट के फैसले से वे खुश हैं.

कोर्ट ने 9 नवंबर को अपना फैसला सुनाया था, पूरी दुनिया में अमन और चैन रहा. कहीं से कोई एक पत्ता भी नहीं हिला. अगर दुनिया इस डिसीजन को न मानती तो कहीं न कहीं यह दिखाई पड़ता कि कहीं कुछ हुआ है.

VIDEO : अयोध्या मामले में दायर सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज

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