Ayodhya Review
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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य की हुई समीक्षा बैठक, ट्रस्ट ने कहा- मंदिर की संरचना दीर्घकालिक हो
- Thursday September 9, 2021
कुबेर टीला तथा सीता कूप जैसी विरासत संरचनाओं के संरक्षण और विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने के लिए सम्मानित संतों और साधुओं के सुझावों पर भी विचार किया जा रहा है.
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'अयोध्या हर भारतीय के लिए एक शहर, इसके विकास में युवा हों साझेदार', समीक्षा बैठक में बोले PM मोदी
- Saturday June 26, 2021
पीएम ने कहा कि जिस तरह भगवान राम में लोगों को एक साथ लाने की क्षमता थी, उसी तरह अयोध्या के विकास कार्यों को स्वस्थ जन भागीदारी की भावना से निर्देशित किया जाना चाहिए, खासकर युवाओं द्वारा. उन्होंने कहा कि शहर के इस विकास में हमारे प्रतिभाशाली युवाओं के कौशल का लाभ उठाने का आह्वान किया.
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Ayodhya Case: रिव्यू पिटीशन खारिज होने पर हिंदू महासभा ही नहीं, कुछ मुस्लिम पक्षकार भी खुश
- Thursday December 12, 2019
Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में दाखिल की गईं सभी 19 रिव्यू पिटीशन (Review Petition) खारिज कर दीं. कोर्ट ने कहा कि याचिका में उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों पर गौर किया गया लेकिन उन्हें सुनने का कोई आधार नहीं बनता. मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ने वाले जफरयाब जिलानी ने कहा है कि वे सीनियर वकील से बात करने के बाद तय करेंगे कि उन्हें क्यूरेटिव पिटीशन दखिल करना है या नहीं.
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अयोध्या पर फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज
- Thursday December 12, 2019
Ayodhya Case: अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ दाखिल की गईं सभी पुनर्विचार याचिकाएं गुरुवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दी गईं. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले में नौ नवंबर को अपना फैसला सुनाया था. अदालत ने विवादित जमीन रामलला को यानी राम मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया था. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की विशेष पीठ के 9 नवम्बर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कुल 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इनमें 9 याचिकाएं पक्षकारों की ओर से और बाकी नौ अन्य याचिकाकर्ताओं की थीं.
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Ayodhya Case : शिया वक्फ बोर्ड और हिंदू महासभा ने मस्जिद के लिए जमीन देने का विरोध किया, 18 याचिकाएं; कल सुनवाई
- Wednesday December 11, 2019
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं (Review Petition) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई होगी. यह सुनवाई चेंबर में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले में नौ नवंबर को अपना फैसला सुनाया था. अदालत ने विवादित जमीन रामलला को यानी राम मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया था. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की विशेष पीठ के 9 नवम्बर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कुल 18 याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इनमें 9 याचिकाएं पक्षकारों की ओर से हैं और बाकी नौ अन्य याचिकाकर्ता हैं.
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Ayodhya Case : निर्मोही अखाड़ा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, रिव्यू पिटीशन में केंद्र पर सवाल
- Wednesday December 11, 2019
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ निर्मोही अखाड़े ने भी रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है. अयोध्या मामले में निर्मोही अखाड़ा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अखाड़े ने फैसले के मुताबिक ट्रस्ट में उसका स्थान अब तक केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट न किए जाने का मुद्दा उठाया है.
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Ayodhya Case: हिंदू महासभा भी SC में दाखिल करेगी रिव्यू पिटिशन, कोर्ट के इस फैसले को देगी चुनौती
- Monday December 9, 2019
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या (Ayodhya) की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
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Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट में चार पुनर्विचार याचिकाएं, कहा- अवैध रूप से रखी गई मूर्ति के पक्ष में फैसला
- Friday December 6, 2019
अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चार पुनर्विचार याचिकाएं (Review petitions) दायर की गई हैं. याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सन 1992 में मस्जिद ढहाए जाने को मंजूरी देने जैसा है. अवैध रूप से रखी गई मूर्ति के पक्ष में फैसला सुनाया गया. अवैध हरकत करने वालों को ज़मीन दी गई. याचिकाओं में कहा गया है कि हिंदुओं का कभी वहां पूरा कब्ज़ा नहीं था. मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन देने का फैसला पूरा इंसाफ नहीं कहा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह अपने नौ नवंबर के फैसले पर रोक लगाए. मामले पर दोबारा विचार करे.
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Ayodhya Case: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारतीय पीस पार्टी ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका, उठाए ये 5 सवाल
- Friday December 6, 2019
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज 4 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्ला, हाजी महबूब और रिजवान अहमद द्वारा पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी. इन सभी याचिकाओं के वकील राजीव धवन होंगे. वहीं भारतीय पीस पार्टी की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है. गौरतलब है कि नवंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था कि विवादित जमीन रामलला को दे दी जाए और मुस्लिमों को किसी दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए. लेकिन इस फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर दिया है. वहीं जमीयत उलेमा हिन्द ने इस मामले से जुड़े एक पक्ष के साथ मिलकर याचिका दाखिल की है.
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Ayodhya Case: SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल, फैसले के इन बिंदुओं पर किया गया फोकस
- Monday December 2, 2019
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से 9 नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई. सूत्रों के मुताबिक जमीअत ने कोर्ट के फैसले के उन तीन बिंदुओं को फोकस किया है.
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Ayodhya Verdict: पुनर्विचार याचिका के हिमायती हैं मुल्क के 99 फीसद मुस्लिम: मौलाना रहमानी
- Sunday December 1, 2019
मौलाना रहमानी ने एक सवाल पर कहा ‘हमें शुबहा (आशंका) है कि हमारी पुनर्विचार याचिका ठुकरा दी जाएगी, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि हम इसे पेश भी न करें. यह हमारा कानूनी हक है. अदालत के फैसले की कई बातें एक-दूसरे को काटती हैं. कोई भी मुस्लिम या सुलझे हुए हिन्दू भाई दिल पर हाथ रखकर सोचें तो समझ जाएंगे कि बाबरी मस्जिद का फैसला कितना दुरुस्त है?’
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Ayodhya Case- दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा AIMPLB, कहा- अभी आखिरी फैसला आना बाकी
- Wednesday November 27, 2019
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की तरफ से 3 या 4 दिसम्बर को रिव्यू पिटीशन दाखिल किया जाएगा. बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सद्स्य क़ासिम रसूल इलियास ने कहा है कि बोर्ड की वर्किंग कमेटी की मीटिंग में इस मुद्दे पर फैसला हुआ था जिससे पीछे हटने का अब सवाल ही नहीं है. हम कानून का रास्ता अख्तियार कर रहे है इसमें किसी को ऐतराज क्यों है?
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नसीरूद्दीन शाह, शबाना आजमी समेत 100 मुस्लिम हस्तियों ने अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका का विरोध किया
- Tuesday November 26, 2019
अभिनेता नसीरूदुद्दीन शाह और शबाना आज़मी समेत देशभर की 100 जानी-मानी मुस्लिम शख्सियतों ने अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया. इन शख्सियतों ने कहा है कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले के कुछ पक्षकारों का पुनर्विचार दायर करने के फैसला विवाद को जिंदा रखेगा और मुस्लिम कौम को नुकसान पहुंचाएगा.
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Ayodhya Case: रिव्यू पिटीशन पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दरार, तमाम मेंबर कोर्ट में जाने के खिलाफ
- Wednesday November 20, 2019
अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका (Review Petition) फाइल करने के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दरार पैदा हो गई है. आम मुसलमानों के अलावा बोर्ड के तमाम मेंबर निजी तौर पर इसके खिलाफ हैं. बोर्ड के मेंबर और बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने मांग की है कि बोर्ड के अध्यक्ष अपना वीटो पावर इस्तेमाल करके रिव्यू पिटीशन फाइल होने से रोकें, क्योंकि बोर्ड ने ही ऐलान किया था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो मानेगा. मौलाना कल्बे जव्वाद देश के बड़े शिया मौलाना हैं. वे अयोध्या के मुक़दमे में मस्जिद की तरफ से गवाह भी रहे हैं. उनका कहना है कि पर्सनल लॉ बोर्ड का रिजोल्यूशन था कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला बोर्ड मानेगा. इसलिए अब फ़ैसले के खिलाफ रिव्यू दाखिल करना वादाखिलाफी है.
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Ayodhya Case: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के रिव्यू पिटीशन दाखिल करने के दावे पर हिंदू महासभा ने दिया यह बयान
- Monday November 18, 2019
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का मामला उठा था. इस पर अब ऑल इंडिया हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या जमीनी विवाद केस में पक्षकार नहीं है इसलिए उन्हें इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का अधिकार नहीं है.'
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अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य की हुई समीक्षा बैठक, ट्रस्ट ने कहा- मंदिर की संरचना दीर्घकालिक हो
- Thursday September 9, 2021
कुबेर टीला तथा सीता कूप जैसी विरासत संरचनाओं के संरक्षण और विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने के लिए सम्मानित संतों और साधुओं के सुझावों पर भी विचार किया जा रहा है.
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'अयोध्या हर भारतीय के लिए एक शहर, इसके विकास में युवा हों साझेदार', समीक्षा बैठक में बोले PM मोदी
- Saturday June 26, 2021
पीएम ने कहा कि जिस तरह भगवान राम में लोगों को एक साथ लाने की क्षमता थी, उसी तरह अयोध्या के विकास कार्यों को स्वस्थ जन भागीदारी की भावना से निर्देशित किया जाना चाहिए, खासकर युवाओं द्वारा. उन्होंने कहा कि शहर के इस विकास में हमारे प्रतिभाशाली युवाओं के कौशल का लाभ उठाने का आह्वान किया.
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Ayodhya Case: रिव्यू पिटीशन खारिज होने पर हिंदू महासभा ही नहीं, कुछ मुस्लिम पक्षकार भी खुश
- Thursday December 12, 2019
Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में दाखिल की गईं सभी 19 रिव्यू पिटीशन (Review Petition) खारिज कर दीं. कोर्ट ने कहा कि याचिका में उपलब्ध कराए गए सभी दस्तावेजों पर गौर किया गया लेकिन उन्हें सुनने का कोई आधार नहीं बनता. मस्जिद के लिए मुकदमा लड़ने वाले जफरयाब जिलानी ने कहा है कि वे सीनियर वकील से बात करने के बाद तय करेंगे कि उन्हें क्यूरेटिव पिटीशन दखिल करना है या नहीं.
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अयोध्या पर फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज
- Thursday December 12, 2019
Ayodhya Case: अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि - बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के खिलाफ दाखिल की गईं सभी पुनर्विचार याचिकाएं गुरुवार को सुनवाई के बाद खारिज कर दी गईं. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले में नौ नवंबर को अपना फैसला सुनाया था. अदालत ने विवादित जमीन रामलला को यानी राम मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया था. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की विशेष पीठ के 9 नवम्बर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कुल 18 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इनमें 9 याचिकाएं पक्षकारों की ओर से और बाकी नौ अन्य याचिकाकर्ताओं की थीं.
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Ayodhya Case : शिया वक्फ बोर्ड और हिंदू महासभा ने मस्जिद के लिए जमीन देने का विरोध किया, 18 याचिकाएं; कल सुनवाई
- Wednesday December 11, 2019
अयोध्या मामले (Ayodhya Case) में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं (Review Petition) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को सुनवाई होगी. यह सुनवाई चेंबर में होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले में नौ नवंबर को अपना फैसला सुनाया था. अदालत ने विवादित जमीन रामलला को यानी राम मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया था. अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की विशेष पीठ के 9 नवम्बर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कुल 18 याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इनमें 9 याचिकाएं पक्षकारों की ओर से हैं और बाकी नौ अन्य याचिकाकर्ता हैं.
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Ayodhya Case : निर्मोही अखाड़ा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, रिव्यू पिटीशन में केंद्र पर सवाल
- Wednesday December 11, 2019
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ निर्मोही अखाड़े ने भी रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है. अयोध्या मामले में निर्मोही अखाड़ा भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अखाड़े ने फैसले के मुताबिक ट्रस्ट में उसका स्थान अब तक केंद्र सरकार द्वारा स्पष्ट न किए जाने का मुद्दा उठाया है.
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Ayodhya Case: हिंदू महासभा भी SC में दाखिल करेगी रिव्यू पिटिशन, कोर्ट के इस फैसले को देगी चुनौती
- Monday December 9, 2019
वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या (Ayodhya) की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
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Ayodhya Case: सुप्रीम कोर्ट में चार पुनर्विचार याचिकाएं, कहा- अवैध रूप से रखी गई मूर्ति के पक्ष में फैसला
- Friday December 6, 2019
अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चार पुनर्विचार याचिकाएं (Review petitions) दायर की गई हैं. याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सन 1992 में मस्जिद ढहाए जाने को मंजूरी देने जैसा है. अवैध रूप से रखी गई मूर्ति के पक्ष में फैसला सुनाया गया. अवैध हरकत करने वालों को ज़मीन दी गई. याचिकाओं में कहा गया है कि हिंदुओं का कभी वहां पूरा कब्ज़ा नहीं था. मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन देने का फैसला पूरा इंसाफ नहीं कहा जा सकता. सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह अपने नौ नवंबर के फैसले पर रोक लगाए. मामले पर दोबारा विचार करे.
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Ayodhya Case: अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भारतीय पीस पार्टी ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका, उठाए ये 5 सवाल
- Friday December 6, 2019
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज 4 पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मिसबाहुद्दीन, मौलाना हसबुल्ला, हाजी महबूब और रिजवान अहमद द्वारा पुनर्विचार याचिकाएं दायर की जाएंगी. इन सभी याचिकाओं के वकील राजीव धवन होंगे. वहीं भारतीय पीस पार्टी की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है. गौरतलब है कि नवंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले में फैसला सुनाया था कि विवादित जमीन रामलला को दे दी जाए और मुस्लिमों को किसी दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए. लेकिन इस फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड ने पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से इनकार कर दिया है. वहीं जमीयत उलेमा हिन्द ने इस मामले से जुड़े एक पक्ष के साथ मिलकर याचिका दाखिल की है.
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Ayodhya Case: SC में पुनर्विचार याचिका दाखिल, फैसले के इन बिंदुओं पर किया गया फोकस
- Monday December 2, 2019
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से 9 नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई. सूत्रों के मुताबिक जमीअत ने कोर्ट के फैसले के उन तीन बिंदुओं को फोकस किया है.
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Ayodhya Verdict: पुनर्विचार याचिका के हिमायती हैं मुल्क के 99 फीसद मुस्लिम: मौलाना रहमानी
- Sunday December 1, 2019
मौलाना रहमानी ने एक सवाल पर कहा ‘हमें शुबहा (आशंका) है कि हमारी पुनर्विचार याचिका ठुकरा दी जाएगी, मगर इसका मतलब यह नहीं है कि हम इसे पेश भी न करें. यह हमारा कानूनी हक है. अदालत के फैसले की कई बातें एक-दूसरे को काटती हैं. कोई भी मुस्लिम या सुलझे हुए हिन्दू भाई दिल पर हाथ रखकर सोचें तो समझ जाएंगे कि बाबरी मस्जिद का फैसला कितना दुरुस्त है?’
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Ayodhya Case- दिसंबर के पहले सप्ताह में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा AIMPLB, कहा- अभी आखिरी फैसला आना बाकी
- Wednesday November 27, 2019
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की तरफ से 3 या 4 दिसम्बर को रिव्यू पिटीशन दाखिल किया जाएगा. बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के सद्स्य क़ासिम रसूल इलियास ने कहा है कि बोर्ड की वर्किंग कमेटी की मीटिंग में इस मुद्दे पर फैसला हुआ था जिससे पीछे हटने का अब सवाल ही नहीं है. हम कानून का रास्ता अख्तियार कर रहे है इसमें किसी को ऐतराज क्यों है?
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नसीरूद्दीन शाह, शबाना आजमी समेत 100 मुस्लिम हस्तियों ने अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका का विरोध किया
- Tuesday November 26, 2019
अभिनेता नसीरूदुद्दीन शाह और शबाना आज़मी समेत देशभर की 100 जानी-मानी मुस्लिम शख्सियतों ने अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया. इन शख्सियतों ने कहा है कि रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले के कुछ पक्षकारों का पुनर्विचार दायर करने के फैसला विवाद को जिंदा रखेगा और मुस्लिम कौम को नुकसान पहुंचाएगा.
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Ayodhya Case: रिव्यू पिटीशन पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दरार, तमाम मेंबर कोर्ट में जाने के खिलाफ
- Wednesday November 20, 2019
अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका (Review Petition) फाइल करने के मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दरार पैदा हो गई है. आम मुसलमानों के अलावा बोर्ड के तमाम मेंबर निजी तौर पर इसके खिलाफ हैं. बोर्ड के मेंबर और बड़े धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने मांग की है कि बोर्ड के अध्यक्ष अपना वीटो पावर इस्तेमाल करके रिव्यू पिटीशन फाइल होने से रोकें, क्योंकि बोर्ड ने ही ऐलान किया था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो मानेगा. मौलाना कल्बे जव्वाद देश के बड़े शिया मौलाना हैं. वे अयोध्या के मुक़दमे में मस्जिद की तरफ से गवाह भी रहे हैं. उनका कहना है कि पर्सनल लॉ बोर्ड का रिजोल्यूशन था कि सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला बोर्ड मानेगा. इसलिए अब फ़ैसले के खिलाफ रिव्यू दाखिल करना वादाखिलाफी है.
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- Monday November 18, 2019
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का मामला उठा था. इस पर अब ऑल इंडिया हिंदू महासभा के वकील वरुण सिन्हा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या जमीनी विवाद केस में पक्षकार नहीं है इसलिए उन्हें इस मामले में रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का अधिकार नहीं है.'
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