
फाइल फोटो...
लखनऊ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद के दूसरे विस्तार में अपना दल कोटे से मंत्री बनाई गई अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल के नेतृत्व वाले धडे़ ने भाजपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान करते हुए 21 अगस्त को वाराणसी में एक रैली करने का निर्णय किया है।
पार्टी प्रवक्ता आरबी सिंह पटेल ने कहा कि 'अपना दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ने का निर्णय किया है, क्योंकि इसने गठबंधन धर्म नहीं निभाया। भाजपा ने अनुप्रिया को अपना दल से निकाल दिए जाने के निर्णय की अनदेखी करते हुए उन्हें मंत्री बनाया है।' पटेल ने कहा कि भाजपा से संबंध तोड़ने का निर्णय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया और इसकी घोषणा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में पार्टी अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने की है।
उन्होंने आगे कहा 'हम 2017 में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और वाराणसी में 21 अगस्त को एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा।' गौरतलब है कि अपना दल की स्थापना अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल ने 1995 में की थी। 2009 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी कृष्णा पटेल पार्टी की अध्यक्ष बनी और छोटी बेटी अनुप्रिया को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।
अनुप्रिया 2012 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की रोहनियां सीट से चुनी गई थी। मगर वर्ष 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन हो जाने के बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर मिर्जापुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी हुई। उनके साथ पार्टी के हरिवंश सिंह प्रतापगढ़ से चुनाव जीते।
पिछले वर्ष पार्टी में कथित अधिकार को लेकर विवाद शुरू हो गया और अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया को दल से निकालने की घोषणा की जबकि वे खुद को पार्टी का मुखिया बताने लगी। भाजपा के साथ गठबंधन में अपना दल के टिकट से जीते दूसरे सांसद फिलहाल अनुप्रिया के विरोधी खेमे उनकी मां कृष्णा पटेल के साथ हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पार्टी प्रवक्ता आरबी सिंह पटेल ने कहा कि 'अपना दल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ने का निर्णय किया है, क्योंकि इसने गठबंधन धर्म नहीं निभाया। भाजपा ने अनुप्रिया को अपना दल से निकाल दिए जाने के निर्णय की अनदेखी करते हुए उन्हें मंत्री बनाया है।' पटेल ने कहा कि भाजपा से संबंध तोड़ने का निर्णय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया और इसकी घोषणा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में पार्टी अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने की है।
उन्होंने आगे कहा 'हम 2017 में होने वाला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और वाराणसी में 21 अगस्त को एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा।' गौरतलब है कि अपना दल की स्थापना अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल ने 1995 में की थी। 2009 में उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी कृष्णा पटेल पार्टी की अध्यक्ष बनी और छोटी बेटी अनुप्रिया को राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।
अनुप्रिया 2012 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी की रोहनियां सीट से चुनी गई थी। मगर वर्ष 2014 में भाजपा के साथ गठबंधन हो जाने के बाद उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा देकर मिर्जापुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और विजयी हुई। उनके साथ पार्टी के हरिवंश सिंह प्रतापगढ़ से चुनाव जीते।
पिछले वर्ष पार्टी में कथित अधिकार को लेकर विवाद शुरू हो गया और अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया को दल से निकालने की घोषणा की जबकि वे खुद को पार्टी का मुखिया बताने लगी। भाजपा के साथ गठबंधन में अपना दल के टिकट से जीते दूसरे सांसद फिलहाल अनुप्रिया के विरोधी खेमे उनकी मां कृष्णा पटेल के साथ हैं।
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