विज्ञापन

अरविंद केजरीवाल ने कोरोना की दूसरी लहर को सबसे खतरनाक बताया,लॉकडाउन से लेकर वैक्सीन तक कहीं 10 बड़ी बातें

?????? ???????? ?? ?????? ?? ????? ??? ?? ???? ?????? ?????,??????? ?? ???? ??????? ?? ???? 10 ???? ?????
नई दिल्ली:

दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने लॉकडाउन, वीकेंड कर्फ्यू (Delhi Weekend Curfew Rules) से लेकर बेड की उपलब्धता पर स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि बेड बढ़ाने से लेकर सबको वैक्सीन लगवाने तक उनकी सरकार हर मुद्दे पर क्षमता से आगे जाकर काम करने को तैयार है.. मुख्यमंत्री केजरीवाल ने वैक्सीन से लेकर कोरोना की दूसरी लहर को लेकर दस अहम मुद्दों पर अपनी बात रखीं. साथ हीराजधानी में फिलहाल लॉकडाउन की संभावना नकारते हुए कहा है कि अभी स्थिति काबू में दिख रही है.

  1. केजरीवाल ने स्पेनिश फ्लू का उदाहरण देते हुए कहा कि कोरोना की भी दूसरी लहर सबसे खतरनाक है. दिल्ली तो कोरोना की चौथी लहर का सामना कर रही है. उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में स्पेनिश फ्लू के बारे में उन्होंने काफी कुछ पढ़ा है
  2. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, राजधानी में फिलहाल एक हफ्ते का ही वीकेंड कर्फ्यू है. आवश्यकता पड़ने पर ही इसे आगे और बढ़ाया जाएगा.
  3. सीएम ने कहा, केंद्र पर्याप्त मात्रा में कोरोना वैक्सीन मुहैया कराए तो घर-घर जाकर 3 माह में सबको टीका लगा देंगे. वैक्सीनेशन पर सभी पाबंदियां हटाई जाएं
  4. केजरीवाल ने राज्यों को अपने स्तर पर वैक्सीन खरीदने की छूट देने की मांग दोहराई. वैक्सीन के लिए निजी अस्पतालों को भी पूरी छूट देने की वकालत की.
  5. दिल्ली में असाधारण स्थिति है, लेकिन अभी लॉकडाउन की संभावना नहीं है. आगे स्थिति को देखकर निर्णय़ लेंगे, फिलहाल दिल्ली में स्कूलों को खोला नहीं जा सकता, बड़े पैमाने पर बच्चे और युवा भी कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं.
  6. दिल्ली में 4500-5000 बेड हैं. 500 आईसीयू बेड हैं. पर इसे बेहिसाब नहीं बढ़ाया जा सकता. हम बैंक्वेट हॉल या मैदान में अस्थायी बेड तो लगा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर-नर्स कहां से लाएंगे. मनपंसद का अस्पताल या बेड मुहैया कराना मुश्किल है.
  7. दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा है, लेकिन यह 20, 22 या 24 फीसदी हो जाए तो सोचना पड़ेगा. कोरोना की पहली लहर में 8500 केस थे तो 100-110 मौतें होते थीं, अभी दोगुने केस पर भी इतनी ही मौतें हो रही हैं.
  8. दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा है, लेकिन यह 20, 22 या 24 फीसदी हो जाए तो सोचना पड़ेगा. कोरोना की पहली लहर में 8500 केस थे तो 100-110 मौतें होते थीं, अभी दोगुने केस पर भी इतनी ही मौतें हो रही हैं. तीन-चार दिनों में टेस्ट का नतीजा देने का कोई मतलब नहीं रह जाता, तब तक संक्रमित व्यक्ति न जाने कितने लोगों को चपेट में ले चुका होगा.
  9. कोरोना के अलावा नॉन कोविड अस्पतालों में भी पर्याप्त इंतजाम हैं. दिल्ली कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के लिए इलाज की जिम्मेदारी उठाने को तैयार है.
  10. अगर आरटीपीसीआर टेस्ट में भी कोरोना पकड़ में नहीं आ रहा है तो ऐसे मामलों के लिए तकनीकी विशेषज्ञ जो सलाह देंगे, उस पर अमल करने को हम तैयार हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com