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This Article is From May 24, 2020

सेना और एनडीआरएफ चक्रवात से तबाह पश्चिम बंगाल के जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने में कर रहे मदद

सेना और एनडीआरएफ के दलों ने रविवार को वन विभाग और नगर निकायों की चक्रवात से तबाह पश्चिम बंगाल के जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने में मदद की.

सेना और एनडीआरएफ चक्रवात से तबाह पश्चिम बंगाल के जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने में कर रहे मदद
सेना और एनडीआरएफ चक्रवात से प्रभावित पश्चिम बंगाल में जनजीवन को पटरी पर लाने का काम कर रहे हैं.
कोलकाता:

सेना और एनडीआरएफ के दलों ने रविवार को वन विभाग और नगर निकायों की चक्रवात से तबाह पश्चिम बंगाल के जनजीवन को फिर से पटरी पर लाने में मदद की. ये दल पेड़ों के उखड़ने से बाधित हुई सड़कों और मुख्य मार्गों को साफ करने के लिए सुबह सॉल्ट लेक, बेहाला और गोलपार्क जैसे इलाकों में पहुंचे. एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि सड़क और पेड़ों को साफ करने वाले उपकरणों से लैस सेना के जवानों ने बेहाला में रॉय बहादुर रोड और पर्णाश्री, दक्षिण कोलकाता में बालीगंज और सॉल्ट लेक इलाके में काम करना शुरू किया.

पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात अम्फान से राज्य में क्षतिग्रस्त हुए आवश्यक बुनियादी ढांचों और सेवाओं को तत्काल बहाल करने के लिए सेना की मदद मांगी थी जिसके कुछ घंटों बाद शनिवार को कोलकाता और पड़ोसी जिलों में सेना को तैनात किया गया. एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि कोलकाता और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना जिलों के विभिन्न हिस्सों में सेना की पांच टुकड़ियों को तैनात किया गया.

राज्य के तीन हिस्सों में चक्रवात के कारण सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. चक्रवात से 86 लोगों की मौत हो गई, कई मकान क्षतिग्रस्त और फसलें बर्बाद हो गई. वन विभाग और कोलकाता नगर निगम ने सड़क साफ कराने के काम में अपने कर्मचारियों को भी लगाया है. शहर के कई हिस्सों में बिजली और जल आपूर्ति अब भी बाधित है.

गुस्साएं निवासियों ने शनिवार को दक्षिण कोलकाता में कई इलाकों में सड़कों को बाधित कर दिया. उन्होंने बिजली और जल आपूर्ति बहाल करने की मांग की जो बुधवार दोपहर से ही उन्हें उपलब्ध नहीं है. दक्षिण कोलकाता में मुडियाली जैसे स्थानों पर स्थानीय लोग पेड़ उखड़ने से बाधित हुई सड़कों को साफ करने के लिए आरा लेकर निकल पड़े.

शहर के कई इलाकों में मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं जबकि दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर में कई स्थानों पर ये सेवाएं अब भी बंद हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को स्थिति को ‘‘राष्ट्रीय आपदा से कहीं अधिक'' बताया था और एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान जताया था. उन्होंने बताया था कि चक्रवात से छह करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बनर्जी ने शुकव्रार को दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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