अर्जुन Mk-1A टैंक एक बार में 39 राउंड गोला-बारूद ले जा सकता है
नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण समिति ने मंगलवार को 118 अर्जुन Mk-1A टैंक खरीदने के लिए 8400 करोड़ रुपये के करार को मंजूरी दे दी है. आदेश जारी किए जाने के पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी इस बारे में अंतिम निर्णय करेगी, इस बैठक की तारीख अभी तय होनी है. करार पर दस्तखत के तीन साल के अवधि में अर्जुन टैंक जब सेना में शामिल होंगे तो यह दुनिया के सबसे एडवांस मैन बैटल टैंक (सबसे उन्नत मुख्य लड़ाकू टैंक) का रुतबा हासिल करेगी. इन टैंक में वे विशेषताएं (Features) हैं जो डिजाइनरों के अनुसार, इसे पाकिस्तान की सेना की ओर से संचालित हर चीज पर 'बढ़त प्रदान करेंगे.
इस टैंक में किए गए 71 बदलाव अर्जुन के इस वेरिएंट को वर्ष 2004 में पहली बार सेना में लाए गए 124 अर्जुन Mk-1 वेरिएंट से एकदम अलग बनाते हैं जिन्हें भारतीय सेना के दो आर्म्ड रेजीमेंट की ओर से तैनात किया गया है. अर्जुन के इस वेरिएंट को डिजाइन करने वाले डायरेक्टर ऑफ द कॉम्बेट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (CVRDE) वी. बालामुरुगन के अनुसार, 'इन 71 बदलावों में से 14 बदलाव फायर पावर, मोबिलिटी और प्रोटेक्शन से संबंधित हैं. '
टैंक की मारक क्षमता को और प्रभावी बनाया है. इस ट्रैंक को संचालित करने वाले कमांडर के पास 360 डिग्री कवरेज होगा, यह इसे दिन और रात दोनों समय निगरानी करने में सक्षम बनाता है. इस खूबी के कारण उसे टारगेट का पहचानने में मदद मिलेगी जिससे वह टारगेट को या तो खुद हिट कर सकेगा या गनर को यह टारगेट दे सकेगा.
अर्जुन Mk-1A टैंक में इस समय एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल फायर करने की क्षमता नहीं है
इस समय अर्जुन Mk-1A कुल मिलाकर 39 राउंड विभिन्न तरह के गोला-बारूद (ammunition) ले जाने में सक्षम है.
अर्जुन 12.7 mm एंटी एयरक्राफ्ट मशीन गन से भी सज्जित है जो टैंक के अंदर बैठा क्रू ऑपरेट कर सकता है.
सरकार की ओर से 118 और अर्जुन टैंक की खरीद को हरी झंडी देने स्वदेश में निर्मित आर्म्स इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. इस टैंक को वेस्टर्न सेक्टर में हर तरह की जमीन पर 6000 किमी से अधिक दूरी पर टेस्ट किया गया है. यह हर तरह की चुनौती का सामना करने में सक्षम है. किसी अन्य टैंक को अब तक इस तरह से टेस्ट नहीं किया गया है.