कोरोना के डर के चलते चेन्नई के शाहीन बाग में चल रहा सीएए विरोधी प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है. इस विरोध प्रदर्शन में 3,500 के आस-पास महिलाएं शामिल हैं और 33 दिनों से अपनी मांगों पर डटी हुई हैं. प्रदर्शनकारी तमिलनाडु विधानसभा में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाने की मांग कर रहे हैं. इससे पहले डीएमके नेता एमके स्टालिन और अभिनेता कमल हसन और अन्य लोगों ने कोरोना के चलते प्रदर्शन स्थगित करने की अपील की थी.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हमने प्रदर्शन को कोरोना के चलते सिर्फ स्थगित किया है. हालांकि विधानसभा में जब तक सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित नहीं हो जाता प्रदर्शन को समाप्त नहीं किया जाएगा.वहींं, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा मार्च के अंत तक 50 से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद भी सोमवार को शाहीन बाग में सैकड़ों लोग इकठ्ठा हुए.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ महिलाओं की अगुवाई वाले धरने को 93 दिन हो गए हैं. धरने को युवा और कॉलेज छात्रों ने संबोधित किया. धरने में महिलाएं और बच्चे शामिल थे. इसमें फैज अहमद फैज की कविताओं का पाठ किया गया. विविधता में एकता और क्रांति के नारे लगाए जा रहे थे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को घोषणा की कि कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में 31 मार्च तक 50 से अधिक लोगों की मौजूदगी वाले धार्मिक, सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रम और राजनीतिक बैठकें करने की अनुमति नहीं होगी.
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह प्रतिबंध दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर विरोध प्रदर्शन करने वाली भीड़ पर लागू होगा. बता दें, इन स्थानों पर में संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ 15 दिसंबर से धरना जारी है.