भारत में कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है. महामारी की इस लड़ाई में अब भारत को अमेरिका का साथ मिल गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) ने घातक कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट से निपटने के लिए भारत और उनके लोगों की मदद के लिए आवश्यक चिकित्सा जीवन-रक्षक आपूर्ति और उपकरण भेजने सहित सभी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है. राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है और कहा कि भारत की सहायता के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. जो बाइडन ने ट्वीट कर लिखा कि जैसे भारत ने महामारी के शुरुआत में संयुक्त राज्य अमेरिका को सहायता भेजी थी, ठीक उसी तरह हम भी जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़-संकल्प हैं."
भारतीय नौसेना ने लक्षद्वीप में ऑक्सीजन एक्सप्रेस की तैनाती की
Just as India sent assistance to the United States as our hospitals were strained early in the pandemic, we are determined to help India in its time of need. https://t.co/SzWRj0eP3y
— President Biden (@POTUS) April 25, 2021
इसे लेकर अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका, COVID-19 प्रकोप के दौरान अतिरिक्त सहायता और आपूर्ति को तेजी से प्रदान करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर नजदीकी से काम कर रहा है. हम भारत के लोगों के लिए प्रार्थना करते हैं, आमतौर उनके बहादुर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए.
The U.S. is working closely with the Indian government to rapidly deploy additional support and supplies during an alarming COVID-19 outbreak. As we provide assistance, we pray for the people of India—including its courageous healthcare workers.
— Vice President Kamala Harris (@VP) April 25, 2021
बताते चलें कि अमेरिका कोविशील्ड वैक्सीन के उत्पादन के लिए कच्चा माल भेजेगा. कोरोना के खिलाफ कारगर इस वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए इसकी तत्काल आवश्यकता महसूस की जा रही है. अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (US National Security Advisor Jake Sullivan ) जेक सुलीवान ने भारत में अपने समकक्ष एनएसए अजीत डोभाल से बातचीत के लिए यह जानकारी दी. दोनों अधिकारियों के बीच कोरोना के खिलाफ जंग के तमाम पहलुओं पर बातचीत हुई. अमेरिका ( United States) ने कहा है कि वह कोविशील्ड वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए तुरंत जरूरी कच्चे माल का स्रोत भारत को उपलब्ध कराएगा.
कच्चे माल की कमी के कारण वैक्सीन की उत्पादन क्षमता ज्यादा नहीं बढ़ पा रही है. जबकि ज्यादा कोरोना वैक्सीन के लिए वकालत कर रहे हैं. सुलीवान ने कहा कि उनके देश ने थेरेपेटिक्स, रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट्स, वेंटिलेटर्स और पीपीई सूट भारत को उपलब्ध कराएगा.
यूएस डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन (डीएफसी) BioE के लिए उत्पादन क्षमता के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण फंडिंग कर रहा है. बायोई (BioE) भी वैक्सीन निर्माता कंपनी है. इससे कोविड-19 वैक्सीन की 2022 के अंत तक एक अरब खुराक का उत्पादन हो पाएगा. अमेरिका अपनी शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) और USAID के जन स्वास्थ्य सलाहकारों की विशेषज्ञ टीम की भी तैनाती करेगा, जो अमेरिकी दूतावास, भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय और महामारी खुफिया सेवा स्टाफ के साथ प्रगाढ़ सहयोग के साथ काम करेंगे.
अमेरिका भारत को ऑक्सीजन उत्पादन के उपकरण और अन्य संबधित सामग्री भी उपलब्ध कराने के विकल्पों पर विचार कर रही है. यूएस-इंडिया स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) और उसके सदस्यों ने अमेरिकी सरकार की सराहना की, जो संकट के इस समय में भारत के साथ उच्चतम स्तर पर सहयोग के क्षेत्रों की पहचान में जुटी है. जल्द ही ऑक्सीजन, मेडिसिन, चिकित्सा सामग्री और वैक्सीन को लेकर भारत की जरूरतों को पूरा करने की मुहिम शुरू होगी.
वैक्सीन की कमी से अमेरिका का क्या रिश्ता?
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