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This Article is From Nov 22, 2021

एक बिल के जरिये रद्द होंगे तीनों कृषि कानून, MSP पर गारंटी के विकल्पों पर भी विचार

किसान नेताओं ने कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान का स्वागत तो किया था, लेकिन इन पर संसद में मुहर लगने तक इंतजार की बात भी कही थी. एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने जैसे कई अन्य लंबित मांगों को भी सरकार के समक्ष रखा है.

एक बिल के जरिये रद्द होंगे तीनों कृषि कानून, MSP पर गारंटी के विकल्पों पर भी विचार
कृषि कानूनों की वापसी के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाया जाएगा
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को निरस्त करने के लिए एक ही विधेयक संसद में पेश कर सकती है. संसद के शीतकालीन सत्र में ये बिल पेश हो सकता है, जो 29 नवंबर से शुरू होगा. सरकार एमएसपी (MSP) पर कानूनी गारंटी मुद्दे पर भी विकल्प तलाश रही है कि क्या इस मुद्दे को किसी गाइडलाइन या वैधानिक तरीके से किसानों को भरोसा दिलाया जा सकता है. माना जा रहा है कि तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए एक व्यापक विधेयक लाया जा सकता है. इससे तीन अलग-अलग कानूनों को निरस्त करने के लिए तीन नए बिल लाने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी.

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सरकार के सूत्रों ने सोमवार को जानकारी दी कि तीनों विवादित कृषि कानूनों को हटाने के लिए एक विधेयक तैयार किया जा रहा है और इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की मंजूरी का इंतजार है. वहीं कृषि मंत्रालय न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर भी विचार कर रहा है, क्योंकि किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी भी मांग रहे हैं. मंत्रालय यह देख रहा है कि क्या दिशानिर्देशों या सांविधिक तौर पर यह गारंटी एमएसपी पर दी जा सकती है.

सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित नए विधेयक के तहत ऐसे प्रावधान होंगे, जो तीनों कृषि कानूनों के तहत गठित तमाम बोर्ड को भंग कर देंगे. इन बोर्ड द्वारा लिए गए सारे फैसले भी रद्द माने जाएंगे. अगर कृषि कानूनों के तहत कोई कार्यालय भी बना है तो उसका कामकाज भी खत्म माना जाएगा. कुछ राज्यों ने कृषि कानून लागू रहने के छह महीनों के दौरान इसे लागू करने के लिए कुछ कदम उठाए थे.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने 20 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन में ऐलान किया था कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा था, "सरकार इन कानूनों के फायदे किसानों के समझाने में नाकाम रही. यह वक्त किसी को दोष देने का नहीं है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि हम इन कृषि कानूनों को वापस लेने जा रहे हैं."

हालांकि किसान नेताओं ने कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान का स्वागत तो किया था, लेकिन इन पर संसद में मुहर लगने तक इंतजार की बात भी कही थी. साथ ही एमएसपी पर कानूनी गारंटी, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने जैसे कई अन्य लंबित मांगों को भी सरकार के समक्ष रखा है. साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र भी लिखा है.

संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukta Kisan Morcha) ने 21 नवंबर को लखनऊ में किसान महापंचायत भी आयोजित की और अपनी मांगें दोहराईं. 

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