एक अहम फैसले में नेशनल ग्रीन ट्रायब्यूनल यानी NGT ने दिल्ली में 10 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर बैन के आदेश दिए। इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कहा गया है। एनजीटी ने आरटीओ से पुरानी डीज़ल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है।
इस फैसले की खबर जब पुरानी डीज़ल गाड़ी मालिकों तक पहुंची तो वो तनाव में आ गये। वरुण ग्रोवर अपनी लक्ज़री गाड़ी लेकर वर्क शॉप में थे जब उन्हें ये खबर मिली, परेशान हैं कि अब उनकी कार का क्या होगा। उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "मैंने अपनी गाड़ी 24 लाख में खरीदी थी। अब मैं क्या करूंगा? कोई पुरानी कार अब खरीदेगा नहीं, अब ये स्क्रैप में ही जाएगा और इसका क्या होगा?
एनजीटी के इस फैसले पर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन के दीपक सचदेवा ने NDTV से बात करते हुए कहा कि वह इस निर्देश के खिलाफ हैं और इसकी कई वजहें हैं। हर 12 साल पुरानी कार प्रदूषण फैला रही है, ऐसा नहीं है। उनका कहना है कि इन गाड़ियों को हटाने के फैसले को लागू करने के लिए और वक्त दिया जाना चाहिए।
उधर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने NGT के फैसले के असर पर विचार करने के लिए इसी हफ्ते एक अहम बैठक बुलायी है। मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष भीम वाधवा ने NDTV से कहा, "एनजीटी के आदेश का अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। NCR में करीब पांच लाख डीज़ल गाड़ियां हैं। इस आदेश को अगर लागू किया गया तो लाखों लोग बेरोज़गार होंगे।" अब देखना होगा कि इस मसले पर सरकार आगे क्या रुख इख्तियार करती है।
पिछले साल ट्रिब्यूनल ने दिल्ली में इन वीइकल्स पर यह कहते हुए बैन लगा दिया था कि राजधानी में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है और दिल्ली के लोगों को इससे निजात मिलनी ही चाहिए। यहां बता दें कि 15 साल या इससे पुराने डीजल वाहनों पर राजधानी में पहले ही बैन है।
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