अली अनवर ने राज्यसभा से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ खटखटाया अदालत का दरवाजा.
नई दिल्ली:
राज्यसभा से हाल ही में अयोग्य करार दिए गए अली अलवर अपनी सदस्यता बहाल करने की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंचे. अनवर ने अपनी याचिका में कहा कि राज्यसभा के सभापति ने उन्हें और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव को 4 दिसंबर को अयोग्य करार देने से पहले उनकी बात रखने का कोई मौका नहीं दिया.
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उच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर को राज्यसभा सदस्य के तौर पर यादव की अयोग्यता पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन अदालत ने उन्हें अपने वेतन, भत्ते और अन्य लाभ लेने तथा बंगले में बने रहने की अनुमति दी थी. अनवर ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. याचिका में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है.
VIDEO : जेडीयू नीतीश की, शरद यादव की नहीं
अनवर ने जदयू के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली आधिकारिक जेडीयू के खिलाफ बगावत कर दी थी. उन्होंने राज्यसभा के सभापति के आदेश को 'गलत, प्राकृतिक न्याय के नियमों के विरोधाभासी और दुर्भावना से परिपूर्ण' बताया.
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उच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर को राज्यसभा सदस्य के तौर पर यादव की अयोग्यता पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था, लेकिन अदालत ने उन्हें अपने वेतन, भत्ते और अन्य लाभ लेने तथा बंगले में बने रहने की अनुमति दी थी. अनवर ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया. याचिका में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की गई है.
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अनवर ने जदयू के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली आधिकारिक जेडीयू के खिलाफ बगावत कर दी थी. उन्होंने राज्यसभा के सभापति के आदेश को 'गलत, प्राकृतिक न्याय के नियमों के विरोधाभासी और दुर्भावना से परिपूर्ण' बताया.