शरद यादव की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली:
शरद यादव ने अपनी और अपने साथी सांसद अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने के राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है. दिल्ली में उनके दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है कि उनके निष्कासन के लिए संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों एवं नियमों की गलत व्याख्या की गई है. शरद यादव की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'संवैधानिक प्रश्न यह है कि भारत निर्वाचन आयोग तथा राज्यसभा के सभापति जब संसद के बनाये हुए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29 (ए) के अनुसार पंजीकृत राजनैतिक दल के निर्वाचित पदाधिकारियों की वैधता का निर्धारण उनके क्षेत्राधिकार में नहीं है, फिर वे किस क्षेत्राधिकार से तथाकथित असंवैधानिक एवं फर्जी तरीके से निर्वाचित स्वयंभू पार्टी पदाधिकारियों की सूचना या याचिका के आधार संविधान की दसवीं अनुसूची के प्रावधानों एवं नियमों की व्याख्या कर शरद यादव एवं अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म की और जिन तथाकथित याचिकाकर्ता राम चन्द्र प्रसाद सिंह की सदस्यता ख़त्म करना चाहिए उसपर मौन रहकर उन्हें क्यों बचा रहे हैं.'
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शरद यादव के सहयोगी जावेद रजा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये फैसला दर्शाता है कि देश में संवैधानिक लोकतंत्र विलुप्त हो गया है.
VIDEO : शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खत्म होने पर जेडीयू की प्रतिक्रिया
बयान में कहा गया है, फिलहाल शरद यादव गुजरात में चुनाव प्रचार में जुटे हैं और अपने सहयोगी छोटू भाई वसावा के समर्थन में चुनावी सभाएं कर रहे हैं.
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