पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में चीन साथ जारी तनातनी के बीच भारतीय वायुसेना रात को भी सघन अभियान चला रही है. चीन की सीमा के पास फॉरवर्ड एयरबेस पर भारतीय वायुसेना अपने मिग-29 और सुखोई 30 एमकेआई जैसे फाइटर एयरक्राफ्ट के साथ साथ अपाचे और चिनाकू जैसे युद्धक हेलीकॉप्टरो के साथ के साथ रात के समय सघन पेट्रोलिंग करते दिखाई दिए. एलएसी पर गरजते इन विमानों की धमक सीमा पार पहुंच रही है. आपको बता दें कि वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई और जगुवार लगातार सरहद पर फ्लाई कर रहे है. मकसद बस इतना है कि अगर चीन से आमना सामना हो तो किसी भी कीमत पर उससे उन्नीस नहीं बीस ही पड़ेगे.
चीन से लगी सरहद पर वायुसेना का लड़ाकू विमान सुखोई हथियारों से लैस दुश्मन के फारवर्ड बेस पर नजर रखे हुए है. साथ देने के लिए अटैक फाइटर जगुवार, मिग 29 और मिराज जैसे अत्याधुनिक विमान. हिमालय पार के इस सर्द और ऊंचे इलाके में दुश्मन को जवाब देने के लिए अमेरिका से ख़रीदे गए अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर और चिनूक हेवी लिफ्ट हेलिकॉप्टर भी तैनात हैं.
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 15 जून को चीनी सैनिको के साथ हिंसक झड़प के बाद से वायुसेना हाई अलर्ट पर है. केवल
वायुसेना ही नही नौसेना के P-8I विमान भी निगरानी के लिए आसमान में गश्त कर रहे हैं. ट्रांसपोर्ट एयरकाफ्ट सी 130
और सी-17 फारवर्ड एरिया में रसद और हथियार पहुंचाने में जुटे हैं. वायुसेना पूरी तरह तैयार है किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए.
बता दें कि 1962 में चीन के साथ हुई जंग में वायुसेना का लड़ाई के लिए इस्तेमाल नहीं हुआ था. कई जानकार मानते हैं कि तब युद्ध का नतीजा अनुकूल न निकलने की ये भी एक वजह थी, लेकिन इस बार वायुसेना भी पूरी तरह
तैयार रखा गया है.
(इनपुट एजेंसी ANI से भी)
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