ऑपरेशन सिंदूर पर राहुल गांधी के बयान पर किरेन रिजिजू का बड़ा बयान
- भाजपा ने राहुल गांधी के बयान को संसदीय मर्यादा के खिलाफ करार देते हुए उनकी आलोचना की है.
- किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर भारत की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है.
- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस पर पाकिस्तान-जनित दुष्प्रचार चलाने का आरोप लगाया है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर राहुल गांधी के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने सेना के हाथ बांध दिए थे. संसदीय कार्य मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी से संसद की मर्यादा बनाए रखने की बात कही है. उन्होंने कहा कि आप हर समय झूठ क्यों बोलते रहते हैं? मैंने विपक्ष के कई नेताओं को देखा है जिन्होंने संसदीय मर्यादाओं का पालन किया है. आपने न केवल अपना कद गिराया है, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुंचाई है.
I request Rahul Gandhi ji to maintain the decorum of India's Parliament. Why do you keep lying all the time?
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) August 9, 2025
I have witnessed many Leaders of Opposition who had maintained Parliamentary standards. You have not only lowered your stature but damaged India's high reputation! pic.twitter.com/TwVQEnKX9q
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि एयर चीफ मार्शल की टिप्पणी से "कांग्रेस पार्टी को शर्म आनी चाहिए".उनके नेताओं ने भारत के नुकसान के बारे में झूठ फैलाया, जबकि अब हमारे पास दुश्मन पर हुए हमले के परिमाणात्मक, विस्तृत और प्रमाण मौजूद हैं.उन्होंने एक और पाकिस्तान-जनित दुष्प्रचार अभियान चलाया जिसमें दावा किया गया कि मोदी सरकार ने हमारी सेनाओं की ऑपरेशन कैपिसिटी पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस दावे का भी पूरी तरह से खंडन किया जा चुका है.
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान संसद को संबोधित करते हुए, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि केंद्र ने भारतीय वायु सेना को पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि आपने हमारे पायलटों से कहा था कि जाओ, हमला करो और पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली का सामना करो। मतलब, आपने उनके हाथ पीछे बांध दिए.
शनिवार को वायुसेना प्रमुख ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या का बदला लेने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के प्रमुख कारणों में से एक राजनीतिक इच्छाशक्ति थी. वायुसेना प्रमुख ने आगे कहा था कि मैं यहां बहुत स्पष्ट, बहुत खुलकर बात कर रहा हूं, क्योंकि मैंने इसके बारे में कई तरह की बातें सुनी हैं. मुझे लगता है कि अगर मैं आपको कुछ बताऊंगा, तो लोग उस पर विश्वास करेंगे. क्योंकि मैं वहां सबकी बात सुन रहा था, हर बैठक में शामिल था. हमें बहुत स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति और स्पष्ट निर्देश दिए गए थे. और हम पर किसी भी तरह की पाबंदियां नहीं लगाई गईं. इस दौरान उन्होंने यह भी पुष्टि की कि ऑपरेशन के दौरान छह पाकिस्तानी विमान मार गिराए गए थे.
उन्होंने कहा था कि कई लोगों ने कहीं न कहीं अपनी बात रखी है. दुर्भाग्य से, आप जानते हैं, हर कोई इस बारे में बोल रहा है. तो, इस बारे में बातचीत हुई है: क्या कोई प्रतिबंध था? क्या आपको विवश रखा गया था? अगर कोई प्रतिबंध थे, तो वे स्व-निर्मित थे. तीनों सेनाओं ने तय किया था कि हमारी संलग्नता के नियम क्या होंगे. हमने तय किया कि हम किस प्रकार की वृद्धि की सीढ़ी पर सवार होना चाहते हैं. हमने तय किया कि हम वृद्धि को कैसे नियंत्रित करना चाहते हैं. इसलिए, मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि, मैं दोहराता हूं, हम पर कोई प्रतिबंध नहीं था. हमें योजना बनाने और उसे क्रियान्वित करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई थी.
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