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This Article is From Sep 21, 2020

प्रवासी मजदूरों की मौत के बाद, अब सरकार के पास किसानों की आत्महत्या के आंकड़े भी नहीं

पिछले हफ्ते, श्रम मंत्रालय ने कहा था कि कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचने की कोशिश के दौरान जान गंवाने वाले प्रवासियों के बारे में उसके पास कोई डेटा नहीं है.

प्रवासी मजदूरों की मौत के बाद, अब सरकार के पास किसानों की आत्महत्या के आंकड़े भी नहीं
नई दिल्ली:

Farmers Suicide Data : केंद्र सरकार के पास किसानों की आत्महत्या का कोई आंकड़ा नहीं है क्योंकि कई राज्य राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) को आंकड़े नहीं देते हैं. ये सरकार ने सोमवार को राज्यसभा को एक लिखित जवाब में बताया. बता दें कि एनसीआरबी आत्महत्या सहित अपराध के आंकड़ों को एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का जिक्र करते हुए सदन को सूचित किया कि कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने विभिन्न प्रकार से पुष्टि किये जाने के बाद किसानों, उत्पादकों एवं खेतिहर मजदूरों द्वारा आत्महत्या का ‘शून्य' आंकड़ा होने की बात कही है जबकि अन्य पेशों में कार्यरत लोगों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं की सूचना मिली है.

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उन्होंने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि इस कमी के कारण, कृषि क्षेत्र में आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई राष्ट्रीय आंकड़ा पुष्ट नहीं है और इसे अलग से प्रकाशित नहीं किया गया.''

आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याओं के नवीनतम राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 में 10,281 किसानों ने किसानों ने आत्महत्या की जबकि वर्ष 2018 में अपनी जान देने वाले किसानों की संख्या 10,357 थी.  एनसीआरबी की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कुल आत्महत्याओं में किसानों की आत्महत्या की दर 7.4 प्रतिशत है - 5,957 किसान और 4,324 खेतिहर मजदूर.

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गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, श्रम मंत्रालय ने कहा था कि कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान घर पहुंचने की कोशिश के दौरान जान गंवाने वाले प्रवासियों के बारे में उसके पास कोई डेटा नहीं है. जिसके बाद उन्हें काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था. मंत्रालय ने कहा कि मजदूरों के परिवारों को मुआवजा देने का "सवाल ही नहीं उठता" क्योंकि कोई डेटा नहीं था. सरकार ने आलोचना के बाद स्पष्ट किया कि जिलों में इस तरह के आंकड़े एकत्र करने के लिए "कोई तंत्र" नहीं था. (इनपुट एजेंसी भाषा से भी)

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