प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
देश के कई हिस्सों में अच्छी बारिश होने के बाद मॉनसून की कुल कमी घटकर नौ प्रतिशत रह गई। मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 2 जुलाई के बीच देश में 164.9 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सामान्य सीमा 180 मिलीमीटर है। जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीनों में अच्छी बारिश होने के अनुमान को देखते हुए स्थिति के सुधरने की उम्मीद है।
विभाग ने कहा कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में बारिश की कमी बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है, क्योंकि वहां 381 मिलीमीटर की सामान्य सीमा की तुलना में केवल 274 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार मध्य भारत में मॉनसून की कमी करीब 12 प्रतिशत है।
विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक जहां देश के दूसरे हिस्सों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है, वहीं पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत तथा तमिलनाडु के हिस्सों में कम बारिश होने की संभावना है। इसी बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिमी मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के अधिकतर हिस्सों, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों की तरफ आगे बढ़ गया।
मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) द्वारका, वल्लभ विद्यानगर, बूंदी, जयपुर, हिसार और बठिंडा से होकर गुजरती है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा, 'दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के उत्तरी अरब सागर एवं गुजरात, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब तथा पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों की तरफ बढ़ने के लिहाज से स्थिति अनुकूल है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
विभाग ने कहा कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में बारिश की कमी बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है, क्योंकि वहां 381 मिलीमीटर की सामान्य सीमा की तुलना में केवल 274 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार मध्य भारत में मॉनसून की कमी करीब 12 प्रतिशत है।
विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक जहां देश के दूसरे हिस्सों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है, वहीं पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत तथा तमिलनाडु के हिस्सों में कम बारिश होने की संभावना है। इसी बीच दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पश्चिमी मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के अधिकतर हिस्सों, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों की तरफ आगे बढ़ गया।
मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) द्वारका, वल्लभ विद्यानगर, बूंदी, जयपुर, हिसार और बठिंडा से होकर गुजरती है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा, 'दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के उत्तरी अरब सागर एवं गुजरात, पूर्वी राजस्थान, हरियाणा और पंजाब तथा पश्चिमी राजस्थान के कुछ और हिस्सों की तरफ बढ़ने के लिहाज से स्थिति अनुकूल है।'
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