सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट में आधार मामले की सुनवाई पांच जजों की पीठ करेगी। इस पीठ की अध्यक्षता खुद चीफ जस्टिस करेंगे। चीफ जस्टिस के साथ जस्टिस एमवाई इकबाल, जस्टिस सी नागप्पन, जस्टिस अरुण मिश्रा, और जस्टिस अमिताव रॉय होंगे। संवैधानिक पीठ इस मामले पर 14 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।
अंतरिम आदेश में बदलाव से किया था इनकार
दरअसल 7 अक्टूबर को आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में बदलाव से इनकार करते हुए मामले को लार्जर बेंच को रेफर कर दिया था। याचिकाकर्ता आरबीआई, सेबी और कुछ राज्यों की ओर से अपनी वेलफेयर स्कीम के लिए आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल की इजाजत मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलमेश्वर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि इस मामले में राइट टू प्राइवेसी मसले को पहले ही लार्जर बेंच को रेफर किया जा चुका है। ऐसे में 11 अगस्त के आदेश में बदलाव के लिए दाखिल तमाम याचिकाओं को भी लार्जर बेंच को रेफर किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अपने 11 अगस्त के आदेश में व्यवस्था दी थी कि आधार कार्ड किसी भी सरकारी वेलफेयर स्कीम के बेनिफिट के लिए अनिवार्य नहीं होगा।
केंद्र, दो राज्य सरकारों और संस्थानों ने दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इस बात की लिबर्टी है कि वह पीडीएस, केरोसिन और एलपीजी वितरण में आधार का इस्तेमाल कर सकती है लेकिन यह साफ किया था कि इन मामलों में भी आधार अनिवार्य नहीं होगा। केंद्र सरकार, आरबीआई, सेबी, आईआरडीए, ट्राई, पेंशन फंड रेग्युलेटरी अथॉरिटी और गुजरात व झारखंड राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी और कहा गया था कि तमाम स्कीम के लिए आधार कार्ड के स्वैच्छिक इस्तेमाल की इजाजत दी जाए।
अंतरिम आदेश में बदलाव से किया था इनकार
दरअसल 7 अक्टूबर को आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में बदलाव से इनकार करते हुए मामले को लार्जर बेंच को रेफर कर दिया था। याचिकाकर्ता आरबीआई, सेबी और कुछ राज्यों की ओर से अपनी वेलफेयर स्कीम के लिए आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल की इजाजत मांगी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे चेलमेश्वर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि इस मामले में राइट टू प्राइवेसी मसले को पहले ही लार्जर बेंच को रेफर किया जा चुका है। ऐसे में 11 अगस्त के आदेश में बदलाव के लिए दाखिल तमाम याचिकाओं को भी लार्जर बेंच को रेफर किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अपने 11 अगस्त के आदेश में व्यवस्था दी थी कि आधार कार्ड किसी भी सरकारी वेलफेयर स्कीम के बेनिफिट के लिए अनिवार्य नहीं होगा।
केंद्र, दो राज्य सरकारों और संस्थानों ने दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इस बात की लिबर्टी है कि वह पीडीएस, केरोसिन और एलपीजी वितरण में आधार का इस्तेमाल कर सकती है लेकिन यह साफ किया था कि इन मामलों में भी आधार अनिवार्य नहीं होगा। केंद्र सरकार, आरबीआई, सेबी, आईआरडीए, ट्राई, पेंशन फंड रेग्युलेटरी अथॉरिटी और गुजरात व झारखंड राज्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी और कहा गया था कि तमाम स्कीम के लिए आधार कार्ड के स्वैच्छिक इस्तेमाल की इजाजत दी जाए।
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