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This Article is From Sep 01, 2018

प्रो. सुधा भारद्वाज का पलटवार, कहा- पुणे पुलिस का दावा मनगढ़ंत, चिट्ठी फर्जी है

भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार प्रो. सुधा भारद्वाज का कहना है कि जिस चिट्ठी के सहारे पुणे पुलिस उन पर आरोप लगा रही है वो पूरी तरह मनगढ़ंत और फर्ज़ी है.

प्रो. सुधा भारद्वाज का पलटवार, कहा- पुणे पुलिस का दावा मनगढ़ंत, चिट्ठी फर्जी है
सुधा भारद्वाज ने बदनाम करने का भी आरोप लगाया है.
नई दिल्ली: भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार प्रो. सुधा भारद्वाज का कहना है कि जिस चिट्ठी के सहारे पुणे पुलिस उन पर आरोप लगा रही है वो पूरी तरह मनगढ़ंत और फर्ज़ी है. इस चिट्ठी के आधार पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और वकीलों को फंसाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने किसी को मोगा में कार्यक्रम आयोजित कराने के लिए 50,000 रुपये दिए और न ही वो किसी कॉमरेड प्रकाश को जानती हैं. सुधा भारद्वाज ने पुलिस पर मानवाधिकार के लिए काम कर रहे वकीलों और संस्थाओं को बदनाम करने और उनके काम में रुकावट डालने का भी आरोप लगाया है. 

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आपको बता दें कि माओवादियों से संपर्क रखने के संदेह में गिरफ्तार ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता और वकील सुधा भारद्वाज (Sudha Bharadwaj)  ने पहले भी कहा था कि मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ बोलने वाले और दलितों एवं आदिवासियों के लिए लड़ने वाले लोगों को 'मौजूदा सरकार' निशाना बना रही है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि जो भी वर्तमान शासन के खिलाफ है, चाहे वह दलित अधिकारों, जनजातीय अधिकारों या मानवाधिकारों की बात हो, विरोध में आवाज उठाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ इसी तरह व्यवहार किया जा रहा है.'

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