यह ख़बर 19 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

मणिपुर की कोर्ट ने इरोम शर्मिला को रिहा करने के आदेश दिए

इरोम शर्मिला की फाइल फोटो

इम्फाल:

14 साल से जेल में बंद मणिपुर की इरोम शर्मिला को कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। मानवाधिकार के लिए संघर्षरत इरोम, सेना को दिए जाने वाले विशेष अधिकार एएफएसपीए (AFSPA)  के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं।

इसके लिए वह अनशन पर चल रही हैं। उन्हें डॉक्टरों की सहायता से भोजन दिया जाता रहा है। शर्मिला पर खुदकुशी का केस दर्ज था और कोर्ट ने कहा कि इरोम पर खुदकुशी का केस नहीं बनता।

उल्लेखनीय है कि शर्मिला 4 नवंबर 2000 से अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं। वह सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (एएफएसपीए) को निरस्त करने की मांग कर रही हैं।

शर्मिला पर आत्महत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था। इस आरोप के तहत उन्हें लगातार एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।

शर्मिला की बीमार हालत के कारण इस समय उन्हें इंफाल में जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा विज्ञान संस्थान में रखा गया है, जिसे उनकी उप-जेल घोषित किया गया है।

एएफएसपीए के तहत सुरक्षा बलों को किसी को देखते ही गोली मार देने, बिना वारंट और बिना जांच के किसी को भी गिरफ्तार करने जैसे असीमित अधिकार मिल जाते हैं। यह अधिनियम सुरक्षा बलों को इसके तहत की गई किसी भी कर्रवाई के खिलाफ कानूनी प्रकिया से भी बचाता है।

मणिपुर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (एएफएसपीए) के खिलाफ 13 वर्षों से अनशन कर रहीं इरोम शर्मिला चानू को कानून के मुताबिक गुरुवार के लोकसभा चुनाव में मतदान करने की अनुमति नहीं मिली।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com