जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)
पुणे:
एफटीआईआई के निदेशक कार्यालय को जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के अप्रैल के संभावित दौरे के सिलसिले में शनिवार शाम कुछ संदिग्ध विस्फोटक पदार्थों से भरा एक लिफाफा, एक डेटोनेटर और धमकी भरा एक पत्र मिला।
लिफाफे पर भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के पूर्व निदेशक प्रशांत पथराबे का पता अंकित था। संस्थान के वर्तमान निदेशक भुपेन्द्र कैंथोला ने कहा, 'मेरे कार्यालय ने शनिवार शाम साढ़े पांच बजे यह लिफाफा प्राप्त किया और चूंकि इसके भीतर का सामान संदिग्ध था, इसलिए हम लोगों ने पुलिस को सूचित कर दिया।'
डेक्कन पुलिस थाने की वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर सुषमा चव्हाण ने कहा कि पार्सल में एक डेटोनेटर और सफेद पाउडर था, जिसके विस्फोटक सामग्री होने का संदेह है। इसमें एक पत्र भी है जिसमें कन्हैया कुमार को एफटीआईआई के दौरे की अनुमति देने के खिलाफ निदेशक को चेताया गया है।' पुलिस को संदेह है कि पैकेट को कन्हैया कुमार के 24 अप्रैल के पुणे दौरे से पहले भेजा गया होगा, जब पथराबे संस्थान के निदेशक थे।
उस दिन पुणे में एक सभा को संबोधित करने वाले कन्हैया कुमार को रिपोर्टों के अनुसार एफटीआईआई भी जाना था, लेकिन वह वहां नहीं गए। चव्हाण ने कहा, 'सामग्री को फॉरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है।' वहीं एफटीआईआई छात्र संघ ने कहा है कि वह इस घटना से सकते में हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
लिफाफे पर भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के पूर्व निदेशक प्रशांत पथराबे का पता अंकित था। संस्थान के वर्तमान निदेशक भुपेन्द्र कैंथोला ने कहा, 'मेरे कार्यालय ने शनिवार शाम साढ़े पांच बजे यह लिफाफा प्राप्त किया और चूंकि इसके भीतर का सामान संदिग्ध था, इसलिए हम लोगों ने पुलिस को सूचित कर दिया।'
डेक्कन पुलिस थाने की वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर सुषमा चव्हाण ने कहा कि पार्सल में एक डेटोनेटर और सफेद पाउडर था, जिसके विस्फोटक सामग्री होने का संदेह है। इसमें एक पत्र भी है जिसमें कन्हैया कुमार को एफटीआईआई के दौरे की अनुमति देने के खिलाफ निदेशक को चेताया गया है।' पुलिस को संदेह है कि पैकेट को कन्हैया कुमार के 24 अप्रैल के पुणे दौरे से पहले भेजा गया होगा, जब पथराबे संस्थान के निदेशक थे।
उस दिन पुणे में एक सभा को संबोधित करने वाले कन्हैया कुमार को रिपोर्टों के अनुसार एफटीआईआई भी जाना था, लेकिन वह वहां नहीं गए। चव्हाण ने कहा, 'सामग्री को फॉरेंसिक प्रयोगशाला भेजा गया है।' वहीं एफटीआईआई छात्र संघ ने कहा है कि वह इस घटना से सकते में हैं।
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