भारत-पाकिस्तान सीमा पर नियंत्रण रेखा (LoC) से सटे इलाकों में बुनियादी ढांचा लगातार विकसित हो रहा है. केरन के बाद अब माछिल आजादी के बाद पहली बार 24 घंटे की बिजली आपूर्ति वाला कुपवाड़ा जिले का दूसरा क्षेत्र बन गया है, भारत के स्वतंत्र होने के 73 साल बाद. पावर- जेएंडके के प्रमुख सचिव रोहित कंसल ने एनडीटीवी से कहा कि उनका उद्देश्य अगले साल सभी सीमा क्षेत्रों को कनेक्टिविटी प्रदान करना है.
"केरन को स्वतंत्रता दिवस के आसपास बिजली मिली और अब दूसरे चरण में बिजली माछिल गांवों में भी पहुंच गई है. जल्द ही, हम शेष दुर्गम क्षेत्रों में भी बिजली प्रदान करेंगे"
यह भी पढ़ें- पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया
अब तक डीजल जेनरेटर (DG) सेट के माध्यम से माछिल सेक्टर के 20 गांवों को बिजली प्रदान की जा रही थी, लेकिन अब उन्हें पावर ग्रिड के माध्यम से बिजली मिलेगी.
Grid connected power for Macchil area on #LOC in #AspirationalDistrict #kupwara for first time ever; 2nd milestone in a month after Keran area; New era of development begins for over 25,000 people in 9 Panchayats that received only 3 hour power daily through DG sets; @NITIAayog pic.twitter.com/se1WdVyPWs
— Anshul Garg (@hello_anshul) August 26, 2020
कुपवाड़ा के जिला कलेक्टर अंशुल गर्ग ने एनडीटीवी को बताया कि बाद में अकेले इस क्षेत्र में लगभग 25,000 लोग लाभान्वित होंगे. "हमने नौ गांवों को बिजली प्रदान करके किक-स्टार्ट किया है, लेकिन अगले 20 दिनों में शेष सभी गांवों में भी ग्रिड से 24x7 बिजली प्राप्त होगी."
यह भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर में हिमस्खलनों में छह सैनिकों समेत 12 लोगों की मौत
केरन की तरह माछिल को भी शाम को तीन घंटे बिजली मिलती थी. उस क्षेत्र में काम करने वाले एक इंजीनियर ने विस्तार से बताया, "डीजी सेट के माध्यम से बिजली की उपलब्धता डीजल और वितरण की समस्याओं की तरह थी और इसलिए बहुत अविश्वसनीय थी, लेकिन अब बिजली ग्रिड को जगह दी गई है"
यह भी पढ़ें- कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, दो आतंकवादी ढेर
उनके अनुसार, माछिल देश का सबसे उत्तरी भाग है और एक कठिन भूभाग है इसलिए पिलर्स को खड़ा करना एक कठिन काम था. उन्होंने आगे कहा, "अब जो सिस्टम लगाया गया है, वह बिजली पैदा कर सकता है और बिना किसी समस्या के बिजली का प्रसार भी कर सकता है. "
#Thejourneycontinues#Promisefulfilled#GridpowertoLoC
— Rohit Kansal (@kansalrohit69) August 26, 2020
25,000 people in 9 panchayats of Machhil area in #AspirationalDistrict Kupwara on the #LoC to now get grid power for the first time. Were earlier supplied limited power through DG sets@hello_anshul@manojsinha_@OfficeOfRKSingh https://t.co/eRoLVi0qBy
माछिल कुपवाड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 65 किमी दूर है और लगभग छह महीने तक घाटी के बाकी हिस्सों से कटा रहता है. चूंकि यह नियंत्रण रेखा के साथ ही स्थित है, इसलिए इस क्षेत्र से घुसपैठ के कई मामले सामने आते हैं. यह उन क्षेत्रों में से एक है, जहां बहुत अधिक गोलाबारी होती है.
जैसा कि एलओसी के ठीक बगल में स्थित है, इस क्षेत्र में घुसपैठ के कई मामले दर्ज हैं. और उन क्षेत्रों में से एक है जो बहुत सी गोलाबारी देखता है. "सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह एक अच्छी खबर है," क्षेत्र के राज्यों में संचालन से जुड़े एक अधिकारी.
पीएम मोदी ने जेके एलजी मनोज सिन्हा को निर्देश दिया है कि वे एलओसी पर बर्फ से बंधे इलाकों के साथ कनेक्टिविटी और बिजली दोनों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करें.
अधिकारियों का दावा है कि प्रधान मंत्री राहत पैकेज के तहत बिजली वितरण प्रमुख के तहत लगभग 3000-4000 करोड़ रुपये जेके को दिए गए थे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने NDTV को बताया, "लेकिन एक वजह से या अन्य परियोजनाओं में देरी हो रही थी लेकिन अब काम ने अपनी गति पकड़ ली है और हम सभी कठिन क्षेत्रों में बिजली प्रदान करने की उम्मीद करते हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं