युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार पुरजोर प्रयास कर रही है. भारत ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों से कम से कम 46 उड़ानों संचालित करके भारतीयों को निकालने की योजना तैयार की है. ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत, 8 मार्च तक 46 उड़ानें निर्धारित की गई हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि विमानों की उड़ान का इंतजाम करना हमारे लिये कोई समस्या नहीं है और अधिक उड़ान लगाई जा सकती हैं. यूक्रेनी और रूसी सैनिक के मध्य तेज होती लड़ाई के बीच कीव और खारकीव जैसे शहरों से भारतीयों को यूक्रेन की पश्चिमी सीमा तक पहुंचाना हमारी मुख्य चिंता है.
ऑपरेशन गंगा के तहत 26 फरवरी से उड़ानें परिचालित हो रही हैं. वर्तमान में निर्धारित 46 उड़ानों में बुखारेस्ट से 29 उड़ानें, बुडापेस्ट से 10 उड़ानें, Rzeszow की 6 उड़ानें, Kocise की एक उड़ान शामिल हैं. बुखारेस्ट (रोमानिया की राजधानी) के लिए भारतीय वायुसेना भी एक उड़ान संचालित करेगी.
वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि वायुसेना का एक सी-17 विमान भारतीयों को वापस लाने के लिए बुधवार तड़के चार बजे रोमानिया के लिए उड़ान भर सकता है.
रूसी सैन्य कार्रवाई में तेजी आने की आशंका को देखते हुए यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित भारतीय दूतावास को बंद कर दिया गया है और स्टाफ को शिफ्ट कर दिया गया है.
सरकार ने कहा है कि जब पहली एडवाइजरी जारी की गई थी तो यूक्रेन में 20,000 भारतीय छात्र-छात्राओं के होने का अनुमान था. तब से, लगभग 12,000 लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है, जो कुल संख्या का 60 प्रतिशत है.
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