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'बंदूक की नोक पर जंग लड़वा रहे'... हैदराबाद के शख्स ने रूस से जारी किया वीडियो, कहा- एजेंट को माफ न करना

मोहम्मद अहमद ने कथित तौर पर रूस से एक सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड करके भेजा है. इसमें उन्होंने कहा कि उनके साथ ट्रेनिंग लेने वाले 25 लोगों में से 17 मारे गए हैं, जिनमें एक भारतीय भी शामिल है.

'बंदूक की नोक पर जंग लड़वा रहे'... हैदराबाद के शख्स ने रूस से जारी किया वीडियो, कहा- एजेंट को माफ न करना
AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने विदेश मंत्रालय से अहमद को वापस लाने का आग्रह किया
  • तेलंगाना के अहमद रूस में नौकरी के लिए गए थे लेकिन युद्ध के बीच फंस गए, उन्हें युद्ध में जबरन शामिल किया जा रहा
  • अहमद की पत्नी अफशा ने विदेश मंत्रालय से पति को सुरक्षित वापस लाने की अपील की है
  • अहमद को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई और धमकी देकर युद्ध में भेजा जा रहा है जबकि पैर फ्रैक्चर हो चुका है
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तेलंगाना के रहने वाले मोहम्मद अहमद ने सपना देखा था कि वह रूस जाकर किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करेंगे. वो इसी सपने के साथ अप्रैल में तेलंगाना से निकलकर रूस पहुंच गए. लेकिन रूस पहुंचने के कुछ ही हफ्तों के भीतर ही वह रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच में फंस गए. कथित तौर पर उनके जॉब एजेंट ने उन्हें धोखा दिया और अब उन्हें रूस की तरफ से अग्रिम पंक्ति में लड़ने के लिए बंदूक की नोक पर मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने वीडियो जारी कर अपनी आपबीती बताई है.

अब हैदराबाद में रहने वाली उनकी पत्नी अफशा बेगम ने विदेश मंत्रालय से 37 वर्षीय अहमद को बचाने में मदद करने की अपील की है. पत्नी का दावा है कि अहमद रूस में फंस गए हैं और जबरदस्ती उन्हें जंग लड़ाया जा रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर को लिखे एक लेटर में, अहमद की पत्नी ने कहा कि मुंबई स्थित एक कंसल्टेंसी फर्म ने उनके पति को रूस में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी का ऑफर दिया था. उन्होंने कहा कि, उनके समझौते के अनुसार अहमद ने अप्रैल 2025 में भारत छोड़ दिया और रूस पहुंच गए.

अफशा बेगम ने दावा किया कि उनके पति को लगभग एक महीने तक बिना काम के बैठाया गया और बाद में, 30 अन्य लोगों के साथ, उन्हें एक दूरदराज के इलाके में भेज दिया गया और वहां उन्हें जबरन हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई. पत्नी ने कहा, "ट्रेनिंग के बाद 26 लोगों को यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए बॉर्डर के पास ले जाया गया. बॉर्डर एरिया में ले जाते समय, अहमद रूसी सेना की गाड़ी से कूद गया, जिसके कारण उसके दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया. उसने लड़ने से इनकार कर दिया. लेकिन उन्हें धमकी दी जा रही है कि या तो वह यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ेंगे या उन्हें मार दिया जाएगा." 

अफशा बेगम ने सरकार से अपने पति को तुरंत भारत वापस लाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है. पत्नी के अनुसार अहमद परिवार में एकमात्र कमाने वाले हैं. परिवार में अहमद की लकवाग्रस्त मां, अफशा खुद और उनके 10 और चार साल के दो बच्चे शामिल हैं.

मोहम्मद अहमद ने जारी किया वीडियो

अहमद ने कथित तौर पर रूस से एक सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड करके भेजा है. इसमें उन्होंने कहा कि उनके साथ ट्रेनिंग लेने वाले 25 लोगों में से 17 मारे गए हैं, जिनमें एक भारतीय भी शामिल है. उन्होंने कहा, "मैं जहां हूं वह एक बॉर्डर है, और यहां युद्ध चल रहा है. हम चार भारतीयों ने (युद्धक्षेत्र में) जाने से इनकार कर दिया. उन्होंने हमें लड़ने की धमकी दी और मुझ पर और एक अन्य व्यक्ति पर हथियार तान दिया... उन्होंने मेरी गर्दन पर बंदूक रख दी और कहा कि वे मुझे गोली मार देंगे और ऐसा दिखाएंगे जैसे कि मुझे ड्रोन ने मार दिया हो." 

अहमद ने कहा, "मेरे पैर में प्लास्टर लगा हुआ है और मैं चलने में असमर्थ हूं. प्लीज उस एजेंट को न छोड़ना जिसने मुझे यहां (रूस) भेजा था. उसने मुझे इन सब में फंसा दिया. उसने मुझे 25 दिनों तक बिना काम के यहां बैठाया. मैं काम मांगता रहा, लेकिन सब व्यर्थ. रूस में रोजगार की आड़ में मुझे जबरदस्ती इसमें (जंग में) घसीटा गया."

AIMIM अध्यक्ष औवैसी की अपील

अहमद के परिवार के सदस्यों ने पिछले हफ्ते ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से भी संपर्क किया और उनसे अहमद को हैदराबाद वापस लाने में मदद करने का अनुरोध किया. परिवार के अनुरोध पर, सांसद ओवैसी ने विदेश मंत्रालय और रूस में भारतीय दूतावास से अहमद को वापस लाने में मदद करने की भी अपील की है. दूतावास को लिखे अपने पत्र में, AIMIM प्रमुख ने अधिकारियों से अहमद की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया.

रूस से भारत का अनुरोध

जवाब में, मॉस्को में मौजूद भारतीय दूतावास के काउंसलर तदु मामू ने कहा कि दूतावास ने रूसी अधिकारियों के साथ अहमद के डिटेल्स शेयर किए हैं और उनसे रूसी सेना से उसकी शीघ्र रिहाई और भारत में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है. अधिकारी ने कहा, "दूतावास रूसी सेना में भारतीय नागरिकों के सभी मामलों पर प्राथमिकता के आधार पर नजर रख रहा है." अधिकारी ने आगे कहा, दूतावास अहमद के संबंध में किसी भी अन्य अपडेट के बारे में परिवार को जानकारी देता रहेगा.

पिछले महीने भी भारत ने रूस से 27 और भारतीय नागरिकों को रिहा करने का भी आह्वान किया था, जिन्हें हाल ही में रूसी सेना में भर्ती किया गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि नई दिल्ली को पता चला है कि अधिक भारतीय रूसी सेना के साथ काम कर रहे हैं, उनके परिवारों से नई जानकारी मिल रही है. उन्होंने 26 सितंबर को कहा, "हमारी जानकारी के अनुसार, 27 भारतीय नागरिक वर्तमान में रूसी सेना में काम कर रहे हैं. हम इस मामले में उनके परिवार के सदस्यों के साथ भी निकट संपर्क में हैं."

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