सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बावजूद बिना सुरक्षा उपकरणों के सफाई कर्मचारियों (sanitation workers) को सीवर टैंक (Sewage Tank) में उतारने और जहरीली गैस से उनका दम घुटने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसा ही वाकया मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले (Singrauli MP) में शुक्रवार को सामने आया है, जिसमें तीन सफाई कर्मचारियों की दर्दनाक मौत हो गई. खबरों के मुताबिक, सिंगरौली जिले के कचनी गांव में अंडरग्राउंड सीवर टैंक की मरम्मत का काम चल रहा था. आरोपी कांट्रैक्टर की तलाश में सिंगरौली पुलिस जुटी है.
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उसकी सफाई करने उथरे कन्हैया लाल यादव, इंद्रभान सिंह को स्थानीय नगरपालिका के एक कांट्रैक्टर ने सीवर टैंक में उतरने को कहा. टैंक में उतरने के बाद जहरीली गैस (toxic gases) की चपेट में आने से दोनों बेहोश हो गए. काफी देर कुछ आवाज न आने पर कांट्रैक्टर ने एक अन्य सफाईकर्मी नागेंद्र रजक को भी कथित तौर पर टैंक में उतरने के लिए मजबूर किया. लेकिन वो भी जहरीली गैसों का शिकार हो गया.
काफी देर बाद पुलिस को बुलाया गया और तीनों कर्मचारियों को कड़ी मशक्कत के बाद सीवर टैंक (toxic gases) से निकाला गया. उन्हें आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने कांट्रैक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी कांट्रैक्टर को स्थानीय नगर निकाय ने सीवर लाइन की मरम्मत के लिए ठेके पर रखा था.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इतनी बड़ी घटना की जानकारी मिलते ही वहां स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, अग्निशमन विभाग के कर्मचारी पहुंच गए. अग्निशमन कर्मी कांस्टेबल गोविंद कुमार और अन्य टैंक में उतरे और सफाईकर्मियों को बाहर निकाला गया. बीच सड़क इस हादसे को लेकर लोगों में हड़कंप मचा रहा. कांट्रैक्टर की तलाश में पुलिस जुटी है.
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