सर्जिकल स्ट्राइक का 'बदला' लेने के लिए कश्मीर घाटी में 250 आतंकी सक्रिय, सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिश : सूत्र

सर्जिकल स्ट्राइक का 'बदला' लेने के लिए कश्मीर घाटी में 250 आतंकी सक्रिय, सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिश : सूत्र

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के तीन आतंकवादी संगठनों के कम से कम 250 आतंकवादी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं, जो भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का 'बदला' लेने के लिए सुरक्षाबलों को निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

शीर्ष सरकारी सूत्रों ने गुप्तचर सूचना के हवाले से कहा कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज़्ब-उल-मुजाहिदीन के 250 आतंकवादियों में से अधिकतर ने सर्जिकल स्ट्राइक से पहले 28 और 29 सितंबर की दरमियानी रात को घुसपैठ की थी. सर्जिकल स्ट्राइक में उनके संगठनों को काफी नुकसान पहुंचा था.

सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों को सीमापार स्थित उनके आकाओं ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे सर्जिकल स्ट्राइक का 'बदला' लेने के लिए कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों को निशाना बनाएं.

केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर में कार्यरत सुरक्षाबलों से कहा है कि वे अधिकतम स्तर की सतर्कता बरतें और आतंकवादियों द्वारा उन्हें निशाना बनाने के लिए किसी भी प्रयास को असफल करने के लिए सभी ऐहतियात बरतें.

सूत्रों ने कहा कि यद्यपि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है, लेकिन क्षेत्र की मुश्किल स्थलाकृति ऐसी है कि कई स्थान घुसपैठ के लिहाज से संवेदनशील हैं. सूत्रों ने कहा कि सीमापार से घुसपैठ के किसी भी ताजा प्रयास को विफल करने के लिए सुरक्षाबलों की ओर से सभी प्रयास किए जा रहे हैं.

ऐसी गुप्तचर जानकारी है कि आतंकवादी विभिन्न दिशाओं से कश्मीर के साथ ही जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की योजना बना रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना की ओर से नियंत्रण रेखा के पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी ठिकाने को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा. पकड़े गए रेडियो संदेशों से मिले संकेतों के अनुसार इसमें उसके करीब 20 आतंकवादी मारे गए हैं.

हाल में हुए सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी रखने वाले सूत्रों के अनुसार भारतीय सेना की जमीनी इकाइयों की आकलन रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित लश्कर-ए-तैयबा के दुधनियाल आतंकवादी ठिकाने को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है. सेना की यह आकलन रिपोर्ट पाकिस्तान की विभिन्न इकाइयों के बीच हुई रेडियो बातचीत पर आधारित है.


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