बाढ़ के कारण 31 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं.
नई दिल्ली:
बाढ़ से असम के हालात दिनों दिन और खराब होते जा रहे हैं. राज्य में बाढ़ से अब तक 45 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 17 लाख लोगों पर इसका असर हुआ है. इसके अलावा 24 जिलों में अलर्ट घोषित किया गया है. बाढ़ के कारण अब तक 2,500 गांव डूब चुके है. ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. तकरीबन 1 लाख हेक्टेयर में फसल बर्बाद हो चुकी है. मोरीगांव सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका बताया जा रहा है. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया.
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31 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं, वहीं, 300 के करीब राहत शिविर खोले गए हैं. काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 फीसदी इलाका भी पानी में डूब चुका है. पार्क में कई फीट पानी भरा हुआ है. जानवर परेशान हैं और उनके लिए सुरक्षित जगह ढूंढना काफी मुश्किल हो रहा है. अब तक 25 जंगली जानवरों की मौत की भी खबर है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने किरेन रिजिजू को असम का दौरा करके बाढ़ के मौजूदा हालात पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है.
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31 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं, वहीं, 300 के करीब राहत शिविर खोले गए हैं. काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 फीसदी इलाका भी पानी में डूब चुका है. पार्क में कई फीट पानी भरा हुआ है. जानवर परेशान हैं और उनके लिए सुरक्षित जगह ढूंढना काफी मुश्किल हो रहा है. अब तक 25 जंगली जानवरों की मौत की भी खबर है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने किरेन रिजिजू को असम का दौरा करके बाढ़ के मौजूदा हालात पर नजर बनाए रखने का निर्देश दिया है.
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