चक्रवाती तूफान ताउते से प्रभावित होने वाले जिलों में NDRF की 100 टीमें तैनात

Tauktae Chakrawat: चक्रवाती तूफान के दौरान हवा 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, बचाव कार्य के दौरान कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की चुनौती

चक्रवाती तूफान ताउते से प्रभावित होने वाले जिलों में NDRF की 100 टीमें तैनात

गोवा में सड़क पर गिरे पेड़ हटाते हुए एनडीआरएफ के जवान.

नई दिल्ली:

Cyclone Tauktae: एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) के डीजी एसएन प्रधान (SN Pradhan) ने एनडीटीवी से कहा कि चक्रवाती तूफान ताउते (Cyclone Tauktae) से प्रभावित होने वाले सभी जिलों में एनडीआरएफ की 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं. इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्य गुजरात में 46 टीमें तैनात की गई हैं. इस चक्रवात के दौरान हवाएं 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. इस दौरान हमारे सामने चुनौती COVID प्रोटोकाल को बनाए रखकर जान-माल को बचाने की होगी. 

प्रधान ने कहा कि हमने स्पेशल प्रोटोकॉल के तहत उन्हीं एनडीआरएफ जवानों को इन इलाकों में तैनात किया है जिनका डबल डोज वैक्सीनेशन हो चुका है. हमने अपनी टीमों के साथ डॉक्टर और जरूरी दवाएं भी भेजी हैं. यह हमारे सामने दोहरी चुनौती है, हमें कोरोना के खिलाफ जंग जारी रखते हुए साइक्लोन के असर से भी निपटना होगा. 

उन्होंने कहा कि गोवा में जो अब तक असर हुआ उसकी वजह से कुछ घंटे तक बिजली बंद करनी पड़ी. कुछ ऑक्सीजन टैंकर बड़ी संख्या में पेड़ों के गिरने की वजह से फंस गए थे. उन्होंने कहा कि गुजरात से पश्चिमी भारत के राज्यों में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है. जामनगर में ऑक्सीजन के बहुत ज्यादा प्लांट हैं. 

प्रधान ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से कहा है कि इस आपदा की घड़ी में महाराष्ट्र को ऑक्सीजन की सप्लाई बहाल रखने के लिए हर संभव कोशिश हो. यह सुझाव दिया गया है कि दो दिन का ऑक्सीजन स्टॉक राज्य तैयार करके रखें. हमने अपनी टीमों के साथ ज्यादा पेड़ काटने वाली मशीनें भेजी हैं जिससे कि सड़कों को जल्दी से जल्दी खाली कराया जा सके. 

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उन्होंने कहा कि जो साइक्लोन शेल्टर्स बनाए गए हैं उनमें कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत आधे लोगों को रखा जा रहा है. अगर किसी साइक्लोन सेंटर में 200 लोगों को रखने की क्षमता है तो वहां 100 लोगों को ही रखा जा रहा है जिससे कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके.