बच्ची के साथ अंकल ने किया था यौन शोषण
नई दिल्ली:
दो साल पहले आठ साल की मासूम बच्ची के साथ उसके अंकल द्वारा किए गए यौन शोषण को कोर्ट में साबित करना आसान नहीं है लेकिन दिल्ली ट्रायल कोर्ट ने अब उस बच्ची के क्रेयान स्केच पर भरोसा जताते हुए आरोपी को पांच साल की सजा सुनाई. द टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट के मुताबिक 10 साल की यह बच्ची कोलकाता की है. दो साल पहले इसकी मां की मौत होने के बाद शराबी पिता ने इसे छोड़ दिया. लालन-पालन के लिए एक रिश्तेदार यहां दिल्ली ले लाई. यहीं पर अंकल ने बच्ची के साथ कई बार यौन शोषण किया.
नतीजतन बच्ची घर से भाग गई और नवंबर 2014 में एक बस में मिली. उसके बाद बाल अधिकारों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने उसको चिल्ड्रेन होम भेजा. वहीं पर बच्ची ने आपबीती बताई. उसके बाद मेडिकल परीक्षण में संभावित शोषण के संकेत मिले. 2016 में आरोपी को पकड़ा गया लेकिन आरोपी के वकील ने कहा कि बच्ची को उसके खिलाफ आरोप लगाने के लिए सिखाया-पढ़ाया गया है और इस आधार पर सक्षम गवाही नहीं मानी जा सकती.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बच्ची को समय काटने के लिए कागज और क्रेयान स्केच दिए जाते थे. उन्हीं में से उसने एक स्केच में बनाया कि एक छोटी सी बच्ची के हाथ में गुब्बारा है और उसके कपड़े उतारकर अलग रख दिए गए हैं. उसने उदास रंगों से इस स्केच को उकेरा भी था. इस स्केच को जज ने बच्ची की मनोदशा का चित्रण मानते हुए आरोपी को दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई और 10 हजार का जुर्माना लगाया. बच्ची के कल्याण और पुनर्वास के लिए कोर्ट ने तीन लाख रुपये के फिक्स्ड डिपोजिट का मुआवजा देने का आदेश भी दिया. बच्ची अब चिल्ड्रेन होम में रहती है और नियमित रूप से स्कूल जाती है.
नतीजतन बच्ची घर से भाग गई और नवंबर 2014 में एक बस में मिली. उसके बाद बाल अधिकारों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने उसको चिल्ड्रेन होम भेजा. वहीं पर बच्ची ने आपबीती बताई. उसके बाद मेडिकल परीक्षण में संभावित शोषण के संकेत मिले. 2016 में आरोपी को पकड़ा गया लेकिन आरोपी के वकील ने कहा कि बच्ची को उसके खिलाफ आरोप लगाने के लिए सिखाया-पढ़ाया गया है और इस आधार पर सक्षम गवाही नहीं मानी जा सकती.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बच्ची को समय काटने के लिए कागज और क्रेयान स्केच दिए जाते थे. उन्हीं में से उसने एक स्केच में बनाया कि एक छोटी सी बच्ची के हाथ में गुब्बारा है और उसके कपड़े उतारकर अलग रख दिए गए हैं. उसने उदास रंगों से इस स्केच को उकेरा भी था. इस स्केच को जज ने बच्ची की मनोदशा का चित्रण मानते हुए आरोपी को दोषी ठहराते हुए पांच साल की सजा सुनाई और 10 हजार का जुर्माना लगाया. बच्ची के कल्याण और पुनर्वास के लिए कोर्ट ने तीन लाख रुपये के फिक्स्ड डिपोजिट का मुआवजा देने का आदेश भी दिया. बच्ची अब चिल्ड्रेन होम में रहती है और नियमित रूप से स्कूल जाती है.
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