रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम समेत वहां के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और द्विपक्षीय रक्षा और रणनीतिक संबंधों को मजबूत बनाने को लेकर विभिन्न मुद्दों पर उनसे चर्चा की. भारत और मलेशिया सोमवार को सैन्य और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ाने के लिए 1993 में हस्ताक्षरित एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन में संशोधन करने पर सहमत हुए.
सिंह रविवार को मलेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पर कुआलालंपुर पहुंचे. उन्नत रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है, जिसकी घोषणा 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मलेशिया यात्रा के दौरान की गई थी. सिंह ने मलेशिया में रक्षा मंत्रालय में औपचारिक ‘सलामी गारद' के साथ अपने आधिकारिक कार्यक्रमों की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने मलेशियाई समकक्ष मोहम्मद हसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से कुआलालंपुर में मुलाकात की. भारत-मलेशिया के द्विपक्षीय संबंधों को और सशक्त बनाने के प्रति उनके सकारात्मक रवैये तथा रुचि की सराहना करता हूं.'' रक्षा मंत्री ने इब्राहिम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं. इब्राहिम ने दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की है.
सिंह ने मलेशियाई प्रधानमंत्री को इसके पहले दिन में आयोजित ‘सार्थक और उपयोगी' रक्षा वार्ता के बारे में जानकारी दी. एक आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक में उन्नत रणनीतिक साझेदारी की पूरी क्षमता को साकार करने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया. सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मलेशिया के रक्षा मंत्री मोहम्मद हसन से कुआलालंपुर में आज बेहतरीन मुलाकात हुई. हमने व्यापक द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की तथा भारत-मलेशिया के बीच चौथे दशक के रक्षा सहयोग के प्रारूप पर विचार-विमर्श किया.''
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर चिंताओं के बीच दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों का विस्तार करने का संकल्प लिया. दोनों पक्षों ने औद्योगिक सहयोग को मजबूत करने के तरीकों की पहचान करने पर विशेष ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और विस्तारित करने की पहल पर चर्चा की. बयान में कहा गया है कि उन्होंने आपसी विश्वास और समझ, सामान्य हितों और लोकतंत्र और कानून के शासन के साझा मूल्यों के आधार पर उन्नत रणनीतिक साझेदारी को पूरी तरह से लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
दोनों मंत्री अगली मलेशिया-भारत रक्षा सहयोग समिति (मिडकॉम) की बैठक के लिए सहमत हुए, जिसका आयोजन इस साल के अंत में भारत में करने की योजना है. दोनों मंत्रियों ने पत्रों के आदान-प्रदान (ईओएल) के जरिये भारत और मलेशिया के बीच रक्षा सहयोग को लेकर वर्ष 1993 में हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) में संशोधन को अपनी मंजूरी दी.
इसमें कहा गया है कि यह संशोधन आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का विस्तार करने में सहायक होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मलेशिया के विदेश मंत्री दातो सेरी डिराजा डॉ. जाम्ब्रे अब्द कादिर से भी मुलाकात की. इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय महत्व के मामलों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग के बारे में विचार-विमर्श किया. आसियान में भारत की मान्यता और हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि के महत्व पर चर्चा की गई.
बयान में कहा गया कि बैठक मलेशियाई रक्षा उद्योग की आत्मनिर्भरता में तेजी लाने के प्रयासों में मलेशिया के साथ साझेदारी करने के भारत के आश्वासन के साथ समाप्त हुई.इसके बाद सिंह ने यहां एक कार्यक्रम में बर्मा सीमा पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी और ‘इंडियन नेशनल आर्मी' में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में सेवा दे चुके 99 वर्षीय सुंदरम को सम्मानित किया.
उन्होंने बोस की एक आवक्ष प्रतिमा का भी अनावरण किया और स्वतंत्रता सेनानी को ‘बहादुरी, नेतृत्व और देशभक्ति का प्रतीक' बताया.सिंह ने तस्वीरों के साथ ट्वीट किया, ‘‘आज कुआलालंपुर में प्रतिष्ठित आईएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) के दिग्गजों की उपस्थिति में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मलेशिया में नेताजी और आईएनए की एक महत्वपूर्ण विरासत है. बहादुरी, नेतृत्व और देशभक्ति के प्रतीक, नेताजी भारत और मलेशिया में पीढ़ियों को प्रोत्साहित करते हैं.''
नयी दिल्ली में रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि सिंह और हसन दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा करेंगे तथा द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए नयी संभावनाएं तलाशेंगे.मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत और मलेशिया का पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि में साझा हित है. दोनों लोकतंत्रों के बीच एक मजबूत और बहुआयामी संबंध है, जो रक्षा तथा सुरक्षा सहित कई सामरिक क्षेत्रों में विस्तारित हुआ है.''
मलेशिया उन मुट्ठी भर देशों में से एक है, जो भारत के स्वदेशी रूप से विकसित ‘तेजस' विमान की खरीद में गहरी दिलचस्पी दिखा रहा है.तेजस एक एकल इंजन वाला बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है, जो उच्च खतरे वाले वायुक्षेत्र में काम करने में सक्षम है.
ये भी पढ़ें-
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं