तेलंगाना के मुख्यमंत्री चेंद्रशेखर राव की फाइल फोटो
हैदराबाद:
किसानों की आत्महत्या को लेकर खबरों में रहे तेलंगाना में विधायकों ने मंगलवार को अपने वेतन में इजाफे से जुड़ा विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस बढ़ोतरी के बाद वे देश में सर्वाधिक वेतन प्राप्त करने वाले विधायक जाएंगे।
भारत के इस सबसे नए राज्य के विधायकों का वेतन 95,000 रुपये से बढ़कर अब 2.5 लाख रुपये हो जाएगा, वहीं मंत्रियों का वेतन 2.4 लाख रुपये से बढ़कर 4 लाख रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। वेतन में इस इजाफे से सरकारी खजाने पर हर साल 42.67 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।
तेलंगाना विधानमंडल की सुविधाओं संबंधी समिति ने 21 मार्च को हुई बैठक में तेलंगाना वेतन एवं पेंशन भुगतान एवं अयोग्यता निवारण (संशोधन) विधेयक 2016 पेश किया था, जिसे मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
विधेयक पेश करने वाले विधायी मामलों के मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों द्वारा पिछले डेढ़ साल में सरकार से किए गए आग्रहों के अनुरूप बढ़ोतरी की जा रही है। यह विधेयक ज्यादातर दलों के आग्रह पर पेश किया गया था।
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सदन में कहा कि विधायकों को कई सरकारी बैठकों में शामिल होना होता है, अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना होता है और वहां से आए लोगों से मिलना होता है। ऐसे में मीडिया को हालात समझना चाहिए।
दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है।
वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा।
भारत के इस सबसे नए राज्य के विधायकों का वेतन 95,000 रुपये से बढ़कर अब 2.5 लाख रुपये हो जाएगा, वहीं मंत्रियों का वेतन 2.4 लाख रुपये से बढ़कर 4 लाख रुपये प्रतिमाह हो जाएगा। वेतन में इस इजाफे से सरकारी खजाने पर हर साल 42.67 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।
तेलंगाना विधानमंडल की सुविधाओं संबंधी समिति ने 21 मार्च को हुई बैठक में तेलंगाना वेतन एवं पेंशन भुगतान एवं अयोग्यता निवारण (संशोधन) विधेयक 2016 पेश किया था, जिसे मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
विधेयक पेश करने वाले विधायी मामलों के मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों द्वारा पिछले डेढ़ साल में सरकार से किए गए आग्रहों के अनुरूप बढ़ोतरी की जा रही है। यह विधेयक ज्यादातर दलों के आग्रह पर पेश किया गया था।
वहीं राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सदन में कहा कि विधायकों को कई सरकारी बैठकों में शामिल होना होता है, अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करना होता है और वहां से आए लोगों से मिलना होता है। ऐसे में मीडिया को हालात समझना चाहिए।
दरअसल इस वेतन बढ़ोतरी की मीडिया में काफी आलोचना हो रही है। मई 2014 में इस नए राज्य के गठन के बाद से यहां 2,100 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से करीब 400 परिवारों को ही मुआवजा मिला है।
वेतन में करीब 160 फीसदी की इस बढ़ोतरी के बाद तेलंगाना के विधायकों का वेतन दिल्ली के विधायकों से भी ज्यादा हो जाएगा, जो कि 2.10 लाख रुपये का मासिक वेतन उठा रहे हैं। राज्य में कांग्रेस के विधायक जी चिन्ना रेड्डी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र और दूसरे भत्तों को मिला दें, तो विधायकों का मासिक वेतन 2.80 लाख रुपये के करीब बैठेगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
तेलंगाना, तेलंगाना वेतन वृद्धि, तेलंगाना विधानसभा, विधायकों का वेतन, चंद्रशेखर राव, टीआरएस, Telangana, Telangana Salary Hike, Salary Hike, Telangana MLAs, Telangana Assembly, Chandrasekhara Rao, TRS