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This Article is From Jan 18, 2016

हैदराबाद यूनिवर्सिटी: छात्र की खुदकुशी के विरोध में प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय पर केस

हैदराबाद यूनिवर्सिटी: छात्र की खुदकुशी के विरोध में प्रदर्शन, केंद्रीय मंत्री दत्तात्रेय पर केस
हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन करते छात्र
हैदराबाद: हैदराबाद यूनिवर्सिटी में दो हफ्ते पहले हॉस्टल से बाहर खदेड़ दिए गए एक 22 साल के रिसर्च स्कॉलर के रविवार शाम खुदकुशी किए जाने के बाद से हंगामा मचा हुआ है। छात्रों का एक समूह वेमूला रोहित के शव को लेकर रात भर धरने पर बैठा रहा। इन्होंने नारेबाजी की और प्रशासन से मांग की कि उनकी बात सुनी जाए।

इसी बीच खबर आ रही है कि शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी में टीम भेजी है। इस मामले में केंद्र में श्रम राज्य मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पर केस दर्ज कर लिया गया है। उनके अलावा वीसी अप्पा राव के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। सोमवार सुबह पुलिस का एक दल यहां पहुंचा और आठ स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही पुलिस छात्र के शव को साथ ले गई। (पढ़ें : मरते वक्त रोहित ने लिखा- 'मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं')

एक बार पहले निर्दोष करार दे चुकी थी यूनिवर्सिटी
रोहित गुंटूर ज़िले का रहने वाला था और सोशियोलॉजी में पीएचडी कर रहा था। वह यूनविर्सिटी से निकाले जाने के बाद से कैंपस के बाहर तंबू लगाकर रह रहा था। उसके साथ चार और स्टूडेंट्स वहीं रहने को मजबूर थे क्योंकि उन पर भी हॉस्टल में घुसने पर बैन लगाया हुआ था।

अंबेडकर यूनियन के सदस्य इन पांचों दलित स्कॉलर्स पर बीजेपी की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक कार्यकर्ता पर हमला करने के आरोप थे।

गैरतलब है कि यूनिवर्सिटी ने रोहित समेत सभी को प्राथमिक जांच में निर्दोष करार दिया था। लेकिन बाद में जब कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखी थी, तब यूनिवर्सिटी ने अपना फैसला पलट लिया था।
 

आरोप है, स्टूडेंट्स का किया गया 'सामाजिक बहिष्कार'
17 अगस्त को लिखे लेटर में, दत्तात्रेय ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय एक छात्र पर हमले को 'खामोशी से देखता रहा'। लेटर में यूनिवर्सिटी को 'अतिवादियों, जातिवादियों और राष्ट्रविरोधी राजनीति' का गढ़ तक कहा गया।

21 दिसंबर को इन पांच स्टूडेंट्स को कथित तौर पर हॉस्टल में घुसने से प्रतिबंधित कर दिया गया। साथ ही उन्हें मैस, लाइब्रेरीरियों और कई दूसरे कॉमन एरियाज़ में घुसने से भी बैन कर दिया गया। इन स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि उनका बाकायदा सामाजिक बहिष्कार किया गया।

'दलित प्रोफेसरों ने भी किया वीसी का सपोर्ट...'
रोहित के दोस्त वेंकट का कहना है- वह इस बात से परेशान था कि वीसी ने उसका निवेदन नजरअंदाज कर दिया जबकि वह इन दिनों खुले में रह रहा था।

रोहित ने कथित तौर पर वेंकट से रविवार सुबह कहा कि- जो दलित प्रोफेसर हमसे मिलने के लिए आए, उन्होंने भी वीसी को ही सपोर्ट किया। इसके कुछ घंटो बाद वह हॉस्टल के एक कमरे में गया और खुद को फांसी पर लटका लिया। इसके बाद से यूनिवर्सिटी में हंगामा है। गुस्से में स्टूडेंट्स ने नारेबाजी की और वीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। नाराज स्टूडेंट्सने मीडियाकर्मियों की टीमों को भी दौड़ा दिया।

'स्थिति तनावपूर्ण है...'
न्यूज एजेंसी भाषा के मुताबिक, कई छात्र संघों ने शिक्षण संस्थानों में बंद का आह्वान किया है। साइबराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद के मुताबिक, परिसर में अभी स्थिति ‘ठीक’ है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। परिसर में किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है हालांकि यहां कुछ तनावपूर्ण स्थिति देखी गई है।’
 

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