Zoophobia Symptom And Treatment: यूं तो दुनिया में तरह तरह की बीमारियां हैं लेकिन वो बीमारियां अक्सर लोगों को चौंका देती हैं जो अजीबोगरीब होती हैं. फोबिया यानी डर ऐसी ही एक बीमारी है. साइंस में तरह तरह के फोबिया (phobia) के बारे में कहा गया है. कोई पानी से डरता है तो किसी को रात से डर लगता है. ऐसा ही एक अजीबोगरीब फोबिया है जोफोबिया (zoophobia). इस फोबिया में इंसान जानवरों से डरता है. जी हां, जोफोबिया में इंसान जानवर से इतना डरता है कि वो उनको छूने ही नहीं देखने तक से घबरा जाता है.
ये एक तरह का मानसिक विकार (mental disorder)है जो कई लोगों में देखा गया है. चलिए जानते हैं कि जोफोबिया में इंसान कैसे बिहेव करता है और इसका इलाज क्या है.
क्या है जोफोबिया (what is zoophobia)
जोफोबिया एक मानसिक विकार है जिसमें इंसान जानवरों से डरता है. इस फोबिया में कई लोग किसी खास जानवर से डरते हैं तो कुछ लोग हर तरह के जानवर को देखकर घबरा जाते हैं. डॉक्टर कहते हैं कि ये बीमारी ज्यादातर उन लोगों को होती है जो बचपन में किसी हादसे या घटना का शिकार हुए होते हैं. अगर बचपन में किसी कुत्ते ने बच्चे को काट लिया है तो बच्चा आगे जाकर भी कुत्तों से डरने लगेगा. ऐसे ही लोग चूहे, बिल्ली यहां तक कि बकरी से भी डर जाते हैं.
अगर किसी को बचपन में सांप ने काटा है या सांप को देखा भी हैं तो अधिकतर लोग सांप को देखकर हमेशा डर जाते हैं. जोफोबिया से पीड़ित लोगों को पहचानना जरा मुश्किल है क्योंकि आमतौर पर सभी लोग हिंसक जानवरों को देखकर डर जाते हैं.ऐसे में ये पहचान करना मुश्किल हो जाता है कि कोई जोफोबिया से परेशान है या नहीं.
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जोफोबिया के लक्षण (Zoophobia Symptoms)
- जोफोबिया से पीड़ित लोग किसी भी तरह से जानवरों से दूर रहने की कोशिश करते हैं.
- वो अपने घर में किसी जानवर को पालने नहीं देते. यहां तक कि ऐसे लोग चिड़ियाघर में भी जाने से बचते हैं.
- अगर किसी के घर में जानवर हैं तो ऐसे लोग वहां जाना बंद कर देते हैं.
- सड़क पर किसी जानवर को देखकर ये लोग घबरा कर पैनिक अटैक की चपेट में भी आ सकते हैं.
- ऐसे लोग जानवरों को देखते ही डर जाते हैं.
- इनके सीने में दर्द और अकड़न होने लगती है.
- जानवर को देखकर इनकी हार्ट बीट बढ़ जाती है.
- चक्कर आना, उल्टी महसूस होना और पसीने से तरबतर हो जाना इस फोबिया के लक्षण हैं.
- ऐसे लोगों का बीपी जानवर को देखते ही बढ़ जाता है.
- ऐसा कोई व्यक्ति जो अपने दोस्त के घर जाने से कतराता है क्योंकि उसके घर में कुत्ता है, जोफोबिया से पीड़ित हो सकता है.
कई बार ऐसा होता है कि बच्चों को डराने के लिए मां बाप ही किसी जानवर से उन्हें डरा देते हैं. ऐसे में बच्चे के मन में उस जानवर को लेकर डर बैठ जाता है जो आगे जाकर जोफोबिया के रूप में तब्दील हो जाता है.
जोफोबिया का इलाज कैसे हो सकता है (How to treat zoophobia)
दूसरे मानसिक विकारों की तरह जोफोबिया भी व्यवहारिक थेरेपी के जरिए ठीक किया जा सकता है. अगर जोफोबिया की पहचान बचपन में ही हो जाती है तो इसका इलाज काफी आसान हो जाता है. लेकिन अगर ये फोबिया काफी समय बीतने के बाद नजर आता है तो इसके इलाज में काफी समय लगने की आशंका होती है. जोफोबिया का इलाज एक्सपोजर थेरेपी और सीबीटी के जरिए किया जा सकता है.
कभी कभी मरीज को इन दोनों ही तरह के इलाज की जरूरत होती है. देखा जाए तो जोफोबिया के अधिकतर मामलों में एक्सपोजर थेरेपी के जरिए मरीज ठीक हो जाता है. इस थेरेपी में मरीज जिस जानवर से डरता है, उसके प्रति डर बाहर निकालने की कोशिश की जाती है. मसलन अगर कोई कुत्ते से डरता है तो उसे कुत्ते के वीडियो, तस्वीरें, कुत्तों के इंसानों के साथ खेलने के वीडियो आदि दिखाकर कुत्ते के प्रति डर निकालने की कोशिश की जाती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)