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World Zoonoses Day:  जूनोटिक रोग क्या हैं? जानिए जानवरों से होने वाली बीमारियों से कैसे बचें

Zoonotic Diseases: 6 जुलाई, 1885 को लुई पाश्चर ने एक घातक जूनोटिक बीमारी रेबीज के खिलाफ सफलतापूर्वक पहला टीका लगाया था. उनके इस काम ने अनगिनत लोगों की जान बचाई है.

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World Zoonoses Day:  जूनोटिक रोग क्या हैं? जानिए जानवरों से होने वाली बीमारियों से कैसे बचें
जानिए क्या है जूनोटिक रोग, कितना है खतरनाक.

World Zoonoses Day 2024: विश्व जूनोसिस दिवस हर साल 6 जुलाई को मनाया जाता है. यह विशेष दिन उन बीमारियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकती हैं. मेडिकल साइंस की जुबान में इन बीमारियों को जूनोटिक रोग कहा जाता है. यह दिन एक ऐतिहासिक घटना का प्रतीक है. 6 जुलाई, 1885 को लुई पाश्चर ने एक घातक जूनोटिक बीमारी रेबीज के खिलाफ सफलतापूर्वक पहला टीका लगाया था. उनके इस काम ने अनगिनत लोगों की जान बचाई है. इसके साथ ही जूनोटिक रोगों की कंट्रोल करने और उसकी रोकथाम की कोशिशों को प्रेरित करना जारी रखा हुआ है.

जूनोटिक रोग क्या हैं, कैसे करें रोकथाम (What are zoonotic diseases and how to prevent them)

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जूनोटिक रोग क्या हैं?

जूनोटिक रोग, बीमारी या जूनोज ऐसे संक्रमण हैं जो स्वाभाविक रूप से जानवरों और इंसानों के बीच फैलते हैं. ये रोग वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट्स और फंगस के कारण हो सकते हैं. सबसे प्रसिद्ध जूनोटिक रोगों में से रेबीज एक घातक\ बीमारी है. यह आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने से फैलती है. लाइम रोग टिक्स द्वारा फैलने वाला एक जीवाणु संक्रमण है. साल्मोनेला संक्रमण अक्सर दूषित भोजन या संक्रमित जानवरों के संपर्क से होता है. कोविड-19 पेंडेमिक भी जूनोटिक बीमारी का एक ताजा उदाहरण है.

जूनोटिक बीमारियों का पब्लिक हेल्थ पर असर

जूनोटिक बीमारियां पब्लिक हेल्थ के लिए काफी बड़ी चुनौतियां पैदा करती हैं. इससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं. ये गंभीर बीमारियां बड़े पैमाने पर मौत की वजह बन सकती हैं. यह हेल्थ केयर सिस्टम पर दबाव डाल सकते हैं और आर्थिक विकास में रुकावट भी पैदा कर सकते हैं. कोविड-19 महामारी ने इस बात को साबित किया है कि जूनोटिक बीमारियां कैसे तेजी से फैल सकती हैं और दुनिया भर के समाजों को प्रभावित कर सकती हैं.

जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण

जूनोटिक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए एक बड़े पैमाने पर बनी रणनीति की जरूरत होती है. इसे वन हेल्थ के रूप में जाना जाता है. यह दृष्टिकोण इंसान, जानवर और पर्यावरणीय स्वास्थ्य के आपसी संबंध की पहचान करता है और इसके बीच सहयोग को बढ़ावा देता है. जूनोटिक रोगों की रोकथाम के प्रमुख उपायों में जानवरों और इंसानों का टीकाकरण, नियमित हाथ धोना, उचित भोजन, साफ-सफाई, मच्छरों समेत तमाम वेक्टर कंट्रोल, लगातार निगरानी, सही रिपोर्टिंग और जागरूकता वगैरह शामिल हैं.  

विश्व जूनोज दिवस की भूमिका क्या है

विश्व जूनोज दिवस जनता को जूनोटिक रोगों के जोखिमों और रोकथाम के बारे में शिक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस दिन विश्व स्तर पर विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. इनमें मीडिया, सामाजिक नेटवर्क और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से सूचना का प्रसार का शैक्षिक अभियान, वर्कशॉप, सेमिनार, टीकाकरण अभियान वगैरह शामिल हैं. विश्व जूनोज दिवस पर लुई पाश्चर की विरासत का सम्मान करने के साथ ही जूनोटिक रोगों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन और नियंत्रण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प भी लेते हैं.
 

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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