
Best Time to Freshen Up in Morning: हमारी सेहत और रोजमर्रा की आदतों से जुड़े पुराने नियम आज भी उतने ही काम के हैं, जितने पहले हुआ करते थे. जैसे सुबह फ्रेश होने का एक सही समय होता है. CPU-PSI सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, योग और संस्कार के डायरेक्टरप्रो. राम अवतार ने NDTV को बताया कि सुबह उठकर फ्रेश होने का सही समय कौन सा होता है और खाना पचाना कैसे आसान बनाया जा सकता है. क्योंकि, इन बातों पर ध्यान देना अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी है.
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फ्रेश होने का सही समय
प्रो. राम अवतार के मुताबिक, सुबह उठकर सूर्योदय से पहले मल त्याग करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है. ऐसा करने से पेट पूरी तरह साफ रहता है और पाचन तंत्र (Digestive System) मजबूत होता है. अगर देर से यानी सूर्योदय के बाद शौच जाएं तो गर्मी से मल खुश्क हो जाता है.
उन्होंने कहा कि आजकल लोग देर रात तक काम करते हैं या देर से सोते हैं, जिसकी वजह से सुबह 7–8 बजे या उससे भी बाद में उठते हैं. यही वजह है कि उनका पाचन और पेट का रूटीन गड़बड़ाने लगता है. प्रो. राम अवतार मानते हैं कि इस पर खास ध्यान देने की जरूरत है.

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खाने का सही समय और तरीका
उन्होंने कहा कि अच्छे पाचन के लिए खाने का समय भी सही रखना जरूरी है. खाने का समय और तरीका दोनों ही बेहद जरूरी होते हैं. दायां सूर चल रहा हो यानी शरीर में सूर्य नाड़ी सक्रिय हो, तब भोजन करना अच्छा माना जाता है. खाने से जुड़ी कुछ दूसरी आदतों के बारे में भी उन्होंने बताया, जैसे-
- भोजन हमेशा एकांत में और शांति से करें.
- खाने के दौरान टीवी देखना, अखबार पढ़ना या ज्यादा बातचीत से बचें.
- भोजन को अच्छी तरह चबा-चबा कर खाना चाहिए, तभी उसका पूरा पोषण मिलेगा.
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पाचन के लिए योग
अगर खाने के बाद रात को टहलने का समय न मिले तो भी पाचन को दुरुस्त रखने के उपाय किए जा सकते हैं. उन्होंने बताया भोजन के बाद वज्रासन में 5 मिनट बैठना बहुत फायदेमंद होता है. इस आसन को करने के लिए दोनों पैर पीछे मोड़कर बैठें, कमर सीधी रखें और हाथ घुटनों पर टिकाएं. इससे पाचन अग्नि तेज होती है और भोजन जल्दी पचता है.
योग और आयुर्वेद दोनों मानते हैं कि पाचन का सीधा संबंध नाभि चक्र से होता है. वज्रासन से नाभि चक्र सक्रिय होता है और जठराग्नि पैदा होती है, जो खाने को अच्छे से पचाती है. प्रो. राम अवतार का कहना है कि अगर हम सुबह समय पर फ्रेश होने, सही समय पर और सही तरीके से भोजन करने तथा योगासन को रूटीन में शामिल करने की आदत डालें, तो हम लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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