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बुजुर्गों को परेशान करने वाला रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस क्या है? जानें लक्षण, कारण और वैक्सीन लेना कितनी जरूरी...

RSV (Respiratory Syncytial Virus): आमतौर पर बच्चों में पाया जाता है, लेकिन बुजुर्गों में भी यह इंफेक्शन हो सकता है. खास बात यह है कि बुजुर्गों में यह इंफेक्शन बहुत गंभीर हो सकता है और इलाज के लिए कोई खास दवाई नहीं है.

बुजुर्गों को परेशान करने वाला रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस क्या है? जानें लक्षण, कारण और वैक्सीन लेना कितनी जरूरी...
बुजुर्गों के लिए रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है.

Respiratory Syncytial Virus Kya Hai?: बात अगर टीके या वैक्सीनेशन की हो तो अमूमन बच्चों की ही ख्याल आता है, लेकिन आज हम बात कर रहे हैं बुजुर्गों को लगाए जाने वाला एक वैक्सीन की, जो उन्हें एक खतरनाक वायरस से बचा सकती है. वैसे तो RSV (Respiratory Syncytial Virus) आमतौर पर बच्चों में पाया जाता है, लेकिन बुजुर्गों में भी यह इंफेक्शन हो सकता है. खास बात यह है कि बुजुर्गों में यह इंफेक्शन बहुत गंभीर हो सकता है और इलाज के लिए कोई खास दवाई नहीं है. अगर बुजुर्गों को रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस हो जाए, तो उनकी हालत बहुत खराब हो सकती है और मृत्यु का खतरा भी बढ़ जाता है. इस कारण बुजुर्गों के लिए रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस वैक्सीनेशन बेहद जरूरी है.

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रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस क्या है?

RSV एक वायरस है जो श्वसन तंत्र (Respiratory Tract) को प्रभावित करता है. यह वायरस सांस लेने से या शरीर के फ्लूइड्स के संपर्क में आने से फैलता है. बच्चों में यह हलके लक्षणों के साथ होता है, जो खुद-ब-खुद ठीक हो जाते हैं, लेकिन बुजुर्गों में यह इंफेक्शन गंभीर हो सकता है, खासतौर पर अगर उनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो.

बुजुर्गों में किस वजह से होता है रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस?

बुजुर्गों में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिसकी वजह से वायरस आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकता है. इसके अलावा, अगर किसी बुजुर्ग को पहले से कोई लम्बी बीमारी जैसे दिल की बीमारी, डायबिटीज, या किडनी की समस्या हो, तो वायरस और भी ज्यादा नुकसान कर सकता है.

रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस के लक्षण | Symptoms of Respiratory Syncytial Virus

  • बुखार
  • सूखा या पुराना खांसी
  • नाक बहना, नाक बंद होना
  • सांस लेने में परेशानी
  • कमजोरी, थकान
  • तेजी से सांस लेना, घरघराहट
  • भूख कम लगना
  • चक्कर आना

रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस का इलाज | Treatment of of Respiratory Syncytial Virus

रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस का कोई खास इलाज नहीं है. इलाज केवल लक्षणों को कम करने के लिए होता है. हलके लक्षणों में बुखार की दवा और खांसी की दवाई दी जाती है. अगर लक्षण गंभीर हो जाएं, जैसे सांस लेने में कठिनाई या होश खोना, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए और ऑक्सीजन की जरूरत हो सकती है.

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रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस के लिए वैक्सीनेशन के फायदे:

  • यह वायरस से बचाव में 80-90% तक मदद करता है
  • अगर इंफेक्शन हो भी जाए, तो इसके लक्षण कम होते हैं और बीमारी की गंभीरता 94.1 प्रतिशत तक घट जाती है.
  • इस वैक्सीनेशन से मौत का खतरा 30-40 प्रतिशत तक कम हो सकता है.

RSV वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट्स | Side Effects of Respiratory Syncytial Virus

  • इंजेक्शन की जगह पर दर्द, सूजन, या स्किन लाल होना
  • सिरदर्द, बुखार, ठंड लगना
  • थकान, कमजोरी
  • जोड़ों या मसल्स में दर्द
  • अगर वैक्सीनेशन के बाद कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स महसूस हों, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस से बचाव के उपाय:

  • हाथों को अच्छे से धोएं
  • बीमारियों से बचने के लिए मास्क पहनें
  • RSV वैक्सीनेशन कराएं
  • संतुलित आहार लें, नियमित एक्सरसाइज करें, और पूरी नींद लें

बुजुर्गों में RSV इंफेक्शन एक गंभीर स्थिति बन सकता है, लेकिन इसके बचाव के लिए वैक्सीनेशन सबसे प्रभावी तरीका है. यह न केवल इंफेक्शन से बचाता है, बल्कि बीमारी की गंभीरता को भी कम करता है. इसलिए बुजुर्गों को यह वैक्सीनेशन समय पर जरूर करवा लेना चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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