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अगर आपका पार्टनर लम्बे समय से सेक्स के लिए न कह रहा है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है. ये भी संभव है कि आपकी पार्टनर सेक्स के प्रति रुझान न होने की समस्या से जूझ रही है. इसे महिला यौन अक्षमता भी कहा जाता है. इस शब्द का उपयोग किसी ऐसे व्यक्ति को परिभाषित करने के लिए किया जाता है जो अपने साथी को सेक्स के दौरान सहयोग नहीं करता. महिलाओं में एफएसडी होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे सेक्स के दौरान दर्द या मनोवैज्ञानिक कारण. ज्यादातर मामलों में, हालांकि, एफएसडी को मनोवैज्ञानिक कारणों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इस परिदृश्य में, महिलाओं के लिए किसी पेशेवर से मदद लेना महत्वपूर्ण होता है.
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क्या है एफएसडी?
अल्फा वन एंड्रोलॉजी ग्रुप के निदेशक और यौन चिकित्सा सलाहकार, डॉ अनुप धीर महिला यौन अक्षमता के बारे में बताते हुए कहते हैं, महिला यौन अक्षमता (एफएसडी) एक बहुत ही आम समस्या है. एक अमेरिकी सर्वेक्षण के मुताबिक 43 फीसदी महिलाएं एफएसडी से जूझ रही हैं. इस स्थिति के प्रमुख कारण मनोवैज्ञानिक समस्याएं हैं, पार्टनर संग असमंजस और शारीरिक कारण जैसे मधुमेह, एनीमिया या थायराइड भी हो सकते हैं. महिला के जननांग के साथ समस्या भी इसका कारण हो सकता है.
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डॉ. अनुप धीर ने एफएसडी के निम्न तीन मुख्य कारण बताएं हैं-
1. मनोवैज्ञानिक कारण
डॉ. धीर कहते हैं, पुरुषों के लिए सेक्स एक शारीरिक मुद्दा हो सकता है, लेकिन महिलाओं के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा है. पिछले बुरे अनुभवों के कारण कुछ महिलाएं भावनात्मक रूप से टूट जाती हैं. वर्तमान में बुरे अनुभवों के कारण मनोवैज्ञानिक मुद्दे या फिर अवसाद इसका कारण हो सकता है.
2. ऑर्गेज्म तक न पहुंच पाना
एनोर्गस्मिया के बारे में समझाते हुए डॉ. धीर कहते हैं, एफएसडी का दूसरा भाग एनोर्गस्मिया कहलाता है. यह स्थिति तब होती है जब व्यक्ति को या तो कभी ऑर्गेज्म नहीं होता या वह कभी इस तक पहुंच ही नहीं पाता. ऑर्गेज्म तक पहुंचने में असमर्थता भी एक मेडिकल कंडीशन है. सेक्स में रुचि की कमी और ऑर्गेज्म तक पहुंचने में असमर्थता दोनों ही स्थिति गंभीर हैं. यह मुख्य रूप इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं अधिक फोरप्ले पसंद करती हैं. अगर ऐसा नहीं हो रहा तो ऑर्गेज्म तक पहुंचना मुश्किल है. इसका मनोचिकित्सा के माध्यम से इलाज किया जा सकता है.
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3. एफएसडी का इलाज और उपचार
डॉ. धीर कहते हैं, जहां तक घरेलू उपचार का सवाल है, एफएसडी के इलाज में वास्तव में यह बहुत प्रभावी नहीं होते. बाजार में कई तरह के महिला वियाग्रा मौजूद हैं लेकिन ये आमतौर पर अपेक्षित नतीजे नहीं दे पाते. महिलाएं लेजर के साथ योनि कायाकल्प ट्राई कर सकती हैं. आप चाहें तो पीआरपी थेरेपी भी अपना सकती हैं. इस क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में सुधार करने के लिए योनि के पास इंजेक्शन दिया जाता है. इसे ओ-शॉट के रूप में जाना जाता है.
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डॉ धीर कहते हैं, एक आम आदमी के दृष्टिकोण से, यह समस्या कई स्तरों पर हो सकती है. कुछ लोग इसे नहीं चाहते हैं, जबकि कुछ की इच्छा ऑर्गेज्म के पक्ष में होती है, लेकिन शारीरिक समस्याओं के कारण वह ऐसा कर पाने में सक्षम नहीं होते. कुछ लोग ऐसा करते हैं लेकिन ऑर्गेज्म तक पहुंचने में विफल रहते हैं. तो ऐसे में उपचार इस बात पर निर्भर करेगा कि महिला किस तरह की स्थिति से जूझ रही है.
(डॉ अनुप धीर अल्फा वन एंड्रोलॉजी ग्रुप के निदेशक और यौन चिकित्सा में सलाहकार हैं)
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